शिवपुरी- बीती 5 अप्रैल 2019 को पिछोर क्षेत्रांतर्गत बाचरौन चौराहे से आबकारी विभाग के द्वारा दो आरोपियों सोनू पटेल पुत्र हुकुम सिंह पटेल निवासी बाचरौन पिछोर व महेन्द्र उर्फ मटका पुत्र बद्री प्रजापति निवासी नगदेश्वर छावनी थाना पिछोर जिला शिवपुरी को आबकारी एक्ट 34 (2) के तहत अवैध शराब के साथ पकड़ा गया था और इस मामले में आरोपियों के कब्जे से 8 गत्ते की पेटियां, 06 पेटी देशी मदिरा प्लेन एवं 3 पेटी देशी मदिरा मसाला कुल 250 पाव देशी मदिरा प्लेन व 150 पाव देशी मदिरा कुल 72 बीएल देशी मदिरा को जब्त करना बताया लेकिन इस मामले में आबकारी विभाग के द्वारा माननीय न्याययालय के समक्ष अनुसंधान अधिकारी अनिरूद्ध खानबिलकर के द्वारा कोई ऐसे कथन प्रसतुत नहीं किए गए जिससे आरोपियों को दोषी पाया जा सके साथ ही साक्षी गवाह भी मौजूद नहीं थे। उपरोक्त प्रकरण में साक्ष्य के अभाव में एवं अधिवक्ताओं द्वारा प्रस्तुत तर्कों के आधार पर माननीय न्यायालय सीजेएम श्री सज्जन सिंह सिसोदिया के न्यायालय द्वारा अभियुक्तों को दोषमुक्त किया गया जिनकी ओर से पैरवी अधिवक्ता अंकित वर्मा, उनके साथी अधिवक्ता विकास सिंघल व अंकित परिहार के द्वारा की गई और माननीय न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में दोनों ही अभियुक्तों को आबकारी एक्ट के इस अपराध से दोष मुक्त कर दिया गया।
शिवपुरी- बीती 5 अप्रैल 2019 को पिछोर क्षेत्रांतर्गत बाचरौन चौराहे से आबकारी विभाग के द्वारा दो आरोपियों सोनू पटेल पुत्र हुकुम सिंह पटेल निवासी बाचरौन पिछोर व महेन्द्र उर्फ मटका पुत्र बद्री प्रजापति निवासी नगदेश्वर छावनी थाना पिछोर जिला शिवपुरी को आबकारी एक्ट 34 (2) के तहत अवैध शराब के साथ पकड़ा गया था और इस मामले में आरोपियों के कब्जे से 8 गत्ते की पेटियां, 06 पेटी देशी मदिरा प्लेन एवं 3 पेटी देशी मदिरा मसाला कुल 250 पाव देशी मदिरा प्लेन व 150 पाव देशी मदिरा कुल 72 बीएल देशी मदिरा को जब्त करना बताया लेकिन इस मामले में आबकारी विभाग के द्वारा माननीय न्याययालय के समक्ष अनुसंधान अधिकारी अनिरूद्ध खानबिलकर के द्वारा कोई ऐसे कथन प्रसतुत नहीं किए गए जिससे आरोपियों को दोषी पाया जा सके साथ ही साक्षी गवाह भी मौजूद नहीं थे। उपरोक्त प्रकरण में साक्ष्य के अभाव में एवं अधिवक्ताओं द्वारा प्रस्तुत तर्कों के आधार पर माननीय न्यायालय सीजेएम श्री सज्जन सिंह सिसोदिया के न्यायालय द्वारा अभियुक्तों को दोषमुक्त किया गया जिनकी ओर से पैरवी अधिवक्ता अंकित वर्मा, उनके साथी अधिवक्ता विकास सिंघल व अंकित परिहार के द्वारा की गई और माननीय न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में दोनों ही अभियुक्तों को आबकारी एक्ट के इस अपराध से दोष मुक्त कर दिया गया।
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