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Thursday, March 14, 2024

सागर / नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड


सागर/ 
नाबालिग के साथ छेडछाड़ करने वाले आरोपी संदीप लोधी को भादवि की धारा- 457, 354 के तहत 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच-पाॅच सौ रूपये अर्थदण्ड तथा पाक्सों एक्ट की धारा- 7/8 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच सौ रूपये अर्थदण्ड  तथा एस.सी/एस.टी एक्ट की धारा- 3(1)(डब्ल्यू)(आई), 3(2)(व्ही-एं) के तहत 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच-पाॅच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया ।  मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता/ षिकायतकर्ता ने  दिनांक 10.06.2022 को महिला थाना में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 08.06.2022 को उसकी माॅ रिश्तेदारी मंे शादी में गई थी घर पर वह तथा उसका भाई था । रात के करीब 12.00 बजे किसी ने दरवाजा खटखटाया तो उसे लगा कि उसका भाई आया है ,जब उसने दरवाजा खोला तो देखा अभियुक्त संदीप लोधी था जिसने बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। उसने अभियुक्त को धक्का दिया और चिल्लाई तो उसका भाई आ गया जिसे देखकर अभियुक्त संदीप लोधी भाग गया । जब उसकी माॅ रिश्तेदारी से वापस आई तो उसने, उसकी माॅ को घटना के बारे में बताया और रिपोर्ट करने महिला थाना गई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, 

घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मालथौन द्वारा धारा 354, 354क, 452 भा.दं.सं. एव ं धारा 7/8 लंैगिक अपराधो से बालको ं का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई), 3(2)(व्ही-एं), अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्या.निवा.) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी कोदोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।  

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