शिवपुरी। शिवपुरी केयर अस्पताल कोलारस के संचालक डॉ नितिन वर्मा पुत्र एचपी वर्मा को देवेंद्र व्यास निवासी मानीपुरा द्वारा जान से मारने की कोशिश की गई।जानकारी देते हुए यह पता चला कि अनुबंध के अनुसार अस्पताल की बिल्डिंग 1 जुलाई 2021 से 30 जून 2024 तक अस्पताल चलाने के लिए डॉ. नितिन वर्मा के पास लीज पर थी। जिसका रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ था। जब डॉ. नितिन वर्मा अपने शिवपुरी केयर अस्पताल कोलारस पर ट्रक में अपने अस्पताल का सामान लोड करवाकर भोपाल शिफ्ट कर रहे थे, उसी दौरान देवेंद्र व्यास निवासी मानीपुरा कोलारस द्वारा 15 लोगों के सामने डॉ नितिन वर्मा को मां बहन की गाली दी गई एवं उसके बाद देवेंद्र व्यास वहां काम कर रहे पूरे 15 लोगों को लात मारके भगाने लगे, जब डॉ. नितिन वर्मा उन लोगों को बचाने गए तब संबंधित ने डॉ. नितिन वर्मा पर भट्टी के जलते हुए सरिए से सिर पर वार किया, जिसमें उनके सिर का आधा हिस्सा फट गया और गरम भट्टी के सरिए से पूरा बाया हाथ जल गया। साथ ही साथ ईट फेंककर उनके पैर पर वार किया गया और जान से मारने की धमकी भी दी गई। इसके गवाह वहां मौजूद अस्पताल पर काम कर रहे सारे 15 लोग हैं। इसके बाद जब डॉ. नितिन वर्मा कोलारस थाने में घटना की एफआईआर लिखवाने गए कि तभी संबंधित द्वारा षडयंत्रपूर्वक कोलारस थाने में घायल डॉ.नितिन वर्मा के विरुद्ध ही एफआईआर दर्ज करा दी गई।
शिवपुरी। शिवपुरी केयर अस्पताल कोलारस के संचालक डॉ नितिन वर्मा पुत्र एचपी वर्मा को देवेंद्र व्यास निवासी मानीपुरा द्वारा जान से मारने की कोशिश की गई।जानकारी देते हुए यह पता चला कि अनुबंध के अनुसार अस्पताल की बिल्डिंग 1 जुलाई 2021 से 30 जून 2024 तक अस्पताल चलाने के लिए डॉ. नितिन वर्मा के पास लीज पर थी। जिसका रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ था। जब डॉ. नितिन वर्मा अपने शिवपुरी केयर अस्पताल कोलारस पर ट्रक में अपने अस्पताल का सामान लोड करवाकर भोपाल शिफ्ट कर रहे थे, उसी दौरान देवेंद्र व्यास निवासी मानीपुरा कोलारस द्वारा 15 लोगों के सामने डॉ नितिन वर्मा को मां बहन की गाली दी गई एवं उसके बाद देवेंद्र व्यास वहां काम कर रहे पूरे 15 लोगों को लात मारके भगाने लगे, जब डॉ. नितिन वर्मा उन लोगों को बचाने गए तब संबंधित ने डॉ. नितिन वर्मा पर भट्टी के जलते हुए सरिए से सिर पर वार किया, जिसमें उनके सिर का आधा हिस्सा फट गया और गरम भट्टी के सरिए से पूरा बाया हाथ जल गया। साथ ही साथ ईट फेंककर उनके पैर पर वार किया गया और जान से मारने की धमकी भी दी गई। इसके गवाह वहां मौजूद अस्पताल पर काम कर रहे सारे 15 लोग हैं। इसके बाद जब डॉ. नितिन वर्मा कोलारस थाने में घटना की एफआईआर लिखवाने गए कि तभी संबंधित द्वारा षडयंत्रपूर्वक कोलारस थाने में घायल डॉ.नितिन वर्मा के विरुद्ध ही एफआईआर दर्ज करा दी गई।
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