शिवपुरी। हर साल लोगों को जागरूक करने के मकसद से 2 फरवरी को रूमेटाइड आर्थराइटिस अवेयरनेस डे मनाया जाता है। इस मौके पर शक्ती शाली महिला संगठन एवम स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से जागरूकता कार्यक्रम सह स्वास्थ परिक्षण का आयोजन ग्राम गहलोनी में किया जिसमे मुख्य रूप से मेडीकल ऑफिसर आरबीएसके डॉक्टर नीरज सुमन ने कहा की जानते हैं कि बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से कई बीमारियों के शिकार होते जा रहे हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक है, रूमेटाइड अर्थराइटिस। आजकल यह बीमारी हर उम्र के लोगों में देखी जाती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित मरीजों को हड्डियों और जोड़ों के दर्द का सामना करना पड़ता है।
अगर समय पर इस बीमारी का इलाज ना कराया जाए, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 2 फरवरी को रूमेटाइड आर्थराइटिस अवेयरनेस डे मनाया जाता है शक्ती शाली महिला संगठन के नितेश ओझा ने इस अवसर पर कहा की रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित मरीजों को डाइट में किन चिजों को शामिल करना चाहिए और किन चीज़ों को खाने से बचना चाहिए। इसके बारे में बताया उन्होने कहा की साबुत अनाज का सेवन करें, जिन लोगों को रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या है, डाइट में साबुत अनाज शामिल कर सकते हैं। इसमें फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो इस समस्या से राहत दिलाने में मददगार है अगर डाइट में मेवे को ले सकते है तो उसमे मोनोअनसैचुरेटेड फैट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। जो जोड़ों के सूजन को कम करने में मदद करता है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस के मरीज डाइट में बादाम, पिस्ता, अखरोट आदि शामिल कर सकते हैं। साथ ही जैतून का तेल रूमेटाइड आर्थराइटिस के मरीज जैतून के तेल का चुनाव कर सकते हैं। यह ओमेगा-3 और ओमेगा-6 एसिड से भरपूर होता है, जो सूजन को दूर करने में मदद करते हैं। इसके साथ हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। जिन लोगों को रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या है, दूध या खाने की चीज़ों में हल्दी को शामिल करें।
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