शिवपुरी। शहर के बड़ौदी क्षेत्र में समय पर एम्बुलेंस न पहुंचने के चलते प्रसूता ने घर में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इससे अब शासन की योजनओं पर सवाल उठने लगे है जबकि जिला मुख्यालय के समीप ही यह हालात है तब ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हालात होंगें, इसे आसानी से समझा जा सकता है। खास बात है कि प्रसूता को लेने एम्बुलेंस में महज ड्राइवर ही मौजूद था। जबकि एम्बुलेंस में ईएमटी मौजूद ही नहीं था। इसके बाद एम्बुलेंस का ड्राइवर ही जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल ले कर पहुंचा।
हैरानी की बात तो यह भी है कि यह पूरा मामला किसी दूरदराज ग्रामीण अंचल का नहीं वल्कि शहर के वार्ड (16) का जहां शहरी क्षेत्र होने के बावजूद एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाई। जिससे जच्चा-बच्चा की जान आफत में पड़ गई थी। जानकारी के अनुसार शहर के बड़ौदी क्षेत्र की रहने वाली सविता आदिवासी पत्नी सतीश आदिवासी को प्रसव पीड़ा शुरू होने के साथ आशा कार्यकर्ता पूजा लोधी ने एम्बुलेंस को सूचना दे दी। लेकिन एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुचीं, इसके बाद प्रसूता ने घर पर ही नवजात को जन्म दे दिया। करीब एक घंटे बाद एम्बुलेंस पहुचीं लेकिन एम्बुलेंस में ईएमटी मौजूद नहीं था। इसके चलते प्रसूता को जस के तस हाल में जिला अस्पताल लाया गया। जहां जच्चा-बच्चा की हालत स्थिर बनी है।
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