शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में मंगलवार को कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा वी पी डी सर्वेलेंस के माध्यम से रोगों के निगरानी एवं फैलने से रोकने हेतु की जाने वाली गतिविधियों पर कर्यशाला आयोजित की गई जिसमे चिकित्सा महाविद्यालय के बाल्य एवं शिशु रोग विभाग, अस्थिरोग विभाग, ई.एन.टी. विभाग, मेडिसिन विभाग, चर्मरोग विभाग, टी.व्ही. एण्ड चेस्ट विभाग एवं कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के चिकित्सा शिक्षक, सीनियर / जूनियर रेसीडेन्ट्स एवं नर्सिंग स्टाफ वर्कशॉप में उपस्थित हुए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेश कुमार अहिरवार, पीआर ओ एवं प्राध्यापक, विभागाध्यक्ष कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग ने किया। इसके साथ डॉक्टर अर्पित दाते सर्विलैंस मेडिकल आफिसर, डब्ल्यूएचओ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि खसरा एवं रूबेला,एकाएक लुंज पूंज लकवा,गलघोटु,कालीखाँसी,नवजात टेटनस जैसी बीमारी बीमारी के बोझ पर विश्वसनीय डेटा की आवश्यकता होती है, जिसे रुग्णता और मृत्यु दर जैसे संकेतकों द्वारा मापा जाता है, और चल रही निगरानी और रिपोर्टिंग गतिविधियों के माध्यम से एकत्र किया जाता है। किसी विशेष बीमारी के लिए निगरानी का प्रकार उस बीमारी की विशेषताओं और टीकाकरण कार्यक्रम के उद्देश्यों पर निर्भर करता है। डब्ल्यूएचओ वीपीडी की निगरानी के लिए अनुशंसित मानक प्रदान करता है, और प्रत्येक वीपीडी के लिए एक समेकित प्रारूप में डेटा उपलब्ध कराता है।
खसरा एवं रूबेला- पिछले तीन माह के दौरान यदि किसी व्यक्ति को बुखार के साथ चकत्ते/लाल सुखे दाने हो, वो खसरा एवं रूबेला के अंतर्गत रिपोर्ट किया जाता है। एकाएक लुंज पूंज लकवा-पिछले छ: माह के दौरान 15 वर्ष तक का कोई भी बच्चा जिसका कोई भी अंग किसी भी कारण अचानक तुज अथवा कमजोर पड गया हो, गलघोटु-यदि किसी व्यक्ति को बुखार, गले में दर्द एवं या टांसिल का लाल होना या खाँसी एवं टांसिल या उसके आस पास व्हाइट/डार्क से थक्का/झील्ली होना, कालीखाँसी- यदि किसी व्यक्ति को कम से कम दो सप्ताह से खाँसी हो एवं इनने से कोई भी एक लक्षण हो खाँसी का लगातार होना / खोंसने के बाद सांस लेने की जोरदार आवाज होना/खांसने के तुरंत बाद उल्टी का होना/अन्य स्पष्ट चिकित्सीय कारण अस्थमा टीवी न होना, नवजात टेटनस -जीवन के पहले दो दिन के दौरान चुसने एवं रोने की सानान्य क्षमता वाला कोई नवजात जिसे 3 दिन से 28 दिन की आयु के बीच सामान्य रूप से मां का दुध न चुस नाना या न रोना और शरीर का कड़ापन/अकडाइट/चमकी का लक्षण होना।
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