सागर । नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी फरहान खान को विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये पाक्सों एक्ट की धारा-5(एल) सपठित धारा-6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पाॅच हजार रूपये अर्थदण्ड तथा भा.द.वि. की धारा- 376(3) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पाॅच हजार रूपये अर्थदण्ड, भा.द.वि. की धारा- 450 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं पाॅच सौ रूपये अर्थदण्ड, भा.द.वि. की धारा- 323 के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री मनोज पटैल ने की ।घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने दिनांक 21.02.22 को थाने में इस आशय की रिपोर्ट लेख काराई कि उक्त दिनाॅक को दोपहर के समय उसके माता-पिता काम पर गये थे और वह घर पर अकेली थी तभी करीब 01ः00 बजे आरोपी फरहान खान घर के अंदर घुस आया और जब उसने आरोपी से पूछा कि क्या काम है उसके मम्मी-पापा घर पर नहीं है तो आरोपी ने अंदर से घर की कुंडी लगा दी और उसके साथ जबदस्ती बुरा काम किया । उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया,
विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की 450,376(3),376(2)(एन),323,506 भाग-दो एवं पाॅक्सों एक्ट की धारा-3/4, 5एल/6 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवम नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।
No comments:
Post a Comment