सागर । बालिका को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने वाले अभियुक्त गोविंद गौड़ को भादवि की धारा- 366 के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता की मॉ ने दिनांक 16.07.2022 को पुलिस थाना केन्टोन्मेंट में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी लड़की उक्त दिनॉक को बिना बताये कहीं चली गई है संदेही गोविद गौड़ द्वारा उसकी लड़की को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की । दिनॉक 18.07.2022 को पीड़िता के दस्याब होने पर उसके द्वारा अभियुक्त गोविंद गौड़ द्वारा बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाना बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया
अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-केन्टोनमेंट द्वारा धारा-366, 366-ए भा.दं.सं. तथा धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने वाले आरोपी को 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने वाले अभियुक्त दिनेष को भादवि की धारा- 363, 368 के तहत 05-05 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो-दोे हजार रूपये अर्थदण्ड एवं एस.सी/एस.टी. एक्ट 3(2)(व्ही-क) के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता के भाई ने दिनांक 13.04.2018 को पुलिस थाना खिमलासा में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि 5.07.2019 से करीब एक वर्ष पूर्व पीड़िता सात-साढ़े सात बजे शौंच के लिये गई थी लेकिन वह वापस नहीं आई तब बालिका को आस-पास और रिश्तेदारों में ढूंढा परन्तु उसका पता नहीं चला। पीड़िता को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर भगा जाने की शंका व्यक्त की । दिनॉक 16.07.2018 को पीड़िता के दस्तयाब होने पर उसने अपने न्यायालयीन कथनों में बताया कि दिनांक 05.07.2019 से करीब एक वर्ष पूर्व शाम 7.00 बजे की घटना है। वह शौंच करके वापस आ रही थी तब अभियुक्त दिनेश उसे मिला और वह, उसका मुंह बंद करके उसे मोटरसाईकिल पर बैठाकर ले गया । उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये,
घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-खिमलासा द्वारा धारा-366, 368, 376, 506, 372,34 भा.दं.सं., धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा धारा- 3(2)(व्ही-क), 3(2)(व्ही) एस.सी./एस.टी. एक्ट का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
पत्थर से कुचलकर हत्या कारित करने वाले दोनों आरोपीगण को आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । पत्थर से कुचलकर हत्या कारित करने वाले आरोपीगण जावेद एवं आदिल को द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश श्री षिवबालक साहू जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-302 सहपठित धारा- 34 के तहत आजीवन कारावास एवं पॉच-पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया। एक अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त किया गया । मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री सौरभ डिम्हा ने की ।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी श्री सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनॉक 23.04.2021 को उप-निरीक्षक के.एन. अरजरिया को ग्राम सरवई टौरी पर रोड़ किनारे अज्ञात लाष पड़े होने की सूचना मिलने पर शासकीय वाहन से घटना स्थल रवाना होकर मौके पर मय हमराह स्टाफ के पहुॅचे तो देखा कि एक अज्ञात व्यक्ति की लाष सरवई रोड किनारे झाड़ियों में पड़ी होने से ग्राम कोटवार के पुत्र की सूचना पर देहाली मर्ग इंटीमेषन तैयार किया गया , मौके पर ही लाष का पंचनामा तैयार किया गया । घटना स्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र की गई , मृतक एवं उसकी लाष के पास से साक्ष्य एकत्रित की गई , मृतक के पास से पड़े बंद मोबाइल को खोलकर मृतक के परिजनों से संपर्क किया गया संपर्क करने पर मृतक मयंक केसरवानी पिता दर्षन केसरवानी जिला सागर का होने से परिजनों को घटना स्थल पर तलब किया गया तथा लाष का पहचान परिजनो द्वारा करने पर षिनाख्ती पंचनामा तैयार किया गया , मृत्यु का कारण जानने के लिये मृतक की लाष को पी.एम हेतु जिला अस्पताल सागर रवाना किया गया । पी.एम रिपोर्ट प्राप्त होने एवं घटना स्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित होने के आधार पर प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत होने से अज्ञात आरोपीगण के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया ।
विवेचना के दौरान मृतक के मोबाइल की सीडीआर के आधार पर संदेही जावेद खान को हिरासत में लेकर पूछताछ के दौरान उसके द्वारा बताया गया कि टोनी उर्फ पवन साहू की बुराई मृतक मयंक केसरवानी से होने एवं मयंक से बदला लेने के लिये टोनी उर्फ पवन साहू ने उसे बार-बार उकसाकर एवं कर्ज के दो लाख रूपये माफ करने व एक लाख रूपये नगद देने के लालच देने पर मैने अपने साथी आदिल खान के साथ मिलकर उसकी कार से मृतक मयंक को उसके घर के पास से लेकर षिवा ढाबे रोड से खाना खाने के बाद हाईवे से होकर उसे घटना स्थल पर ले जाकर रात्रि में पत्थर से कुचलकर हत्या कारित करना बताया। विवेचना के दौरान आरोपी आदिल एवं टोनी उर्फ पवन साहू से पूछताछ कर आरोपीगण से जप्ती की कार्यवाही की गई।
घटना में प्रयुक्त खून आलूदा कपड़े, मोबाइल , पत्थर तथा महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किये । विवेचना के दौरान घटना से संबंधित साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये एवं आरोपीगण की षिनाख्ती कार्यवाही कराई गई, घटना दिनॉक को घटना में प्रयुक्त कार के सीसीटीव्ही फुटेज प्राप्त कर जप्तषुदा सामग्री को एफएसएल सागर जॉच हेतु भेजा गया । थाना-केंट द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 302, 201,109,120बी का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश , श्री षिवबालक साहू जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।
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