ग्राम सिरसौद में श्रीमद् भागवत कथा में किया मार्ग प्रशस्तशिवपुरी। बीते कल से जिले के सिरसौद गांव में भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू हुई श्रीमद भागवत कथा में कथा व्यास राष्ट्रीय संत श्री श्री 1008 श्री रामकिशोर शरण दास की महाराज अयोध्या बालों के श्रीमुख से श्रीमद भागवत कथा का श्रवण कराया जा रहा है। इस कथा में दूसरे दिन की कथा में गुरूजी ने प्रवचन देते हुए कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है।
कथा का वर्णन करते हुए कथा व्यास जी ने बताया कि पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर सुंदर काम हुए। उन्होंने कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षय पात्र की प्राप्ति किया। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया।
भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। कथा व्यास जी ने बताया कि भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं। यह आयोजन पोहरी क्षेत्र के ग्राम सिरसौद में बगिया बाले हनुमान जी मंदिर पर चल रही है। इस कथा के यजमान केशव शर्मा परिवार है।
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