क्षेत्र की प्राथमिकताओं का पूरा करना है मुख्य ध्येयशिवपुरी-जिला मुख्यालय शिवपुरी पर निवास करने वाले कैलाश कुशवाह किसी राजनीतिक रूप से अपनी पहचान तो नहीं रखते लेकिन जनता की सेवा करने का उनका भाव सभी को पसंद है। यही वजह है कि जब शिवपुरी में वह कृषि उपज मण्डी समिति के चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में कूदे तो यहां सफलता के झंडे गाढ़े और मंडी उपाध्यक्ष बनकर मंडी के राजस्व आय में वृद्धि करते हुए किसानों के लिए अनेकों प्रकार से उनके अधिकार दिलाए, चाहे फल मण्डी हो या अनाज मण्डी सहित शहर के प्रमुख समस्याओं में भी कैलाश कुशवाह आगे आकर कार्य करते रहै।
इसी बीच वह भाजपा में जब अपने आपको स्थापित करने में सफल नहीं हुए तो उन्होंने शिवपुरी छोड़कर पोहरी की ओर रूख किया और यहां वर्ष 2018 और 2020 में दो बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर विधायक का चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे। ऐसे में वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनावों को देखते हुए कैलाश कुशवाह ने अपना पाला बसपा से बदलकर कांग्रेस में शामिल हो गए और जब उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कैलाश कुशवाह ने ही शिवपुरी जिले में कांग्रेस की लाज बचाकर कामयाब होकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे है, यही परिणाम भी रहा जब कि 3 दिसम्बर को हुई मतगणना में कैलाश कुशवाह ने शुरू से ही बढ़त बनाई और वह 50 हजार से अधिक मतों से ऐतिहासिक विजय हासिल करते हुए कांग्रेस पार्टी से विधायक बने और शिवपुरी को कांग्रेस को क्लीन स्विप होने से बचाया।
यदि विकास कार्यो की बात करें तो कैलाश कुशवाह बीते लंबे समय से पोहरी क्षैत्र में सक्रिय है और वह अपनी प्राथमिकताओं में शामिल यहां सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य रूके हुए विकास कार्यों को गति प्रदान करेंगें। यूं तो कैलाश कुशवाह एक साधारण परिवार से है लेकिन सेवा और संस्कारों के लिए वह हमेशा अपने परिवार से सीखते आए है यही वजह है कि कुशवाह समाज में कैलाश कुशवाह के परिवार की अपनी एक अलग पहचान है और जब से वह बसपा में शामिल होकर पोहरी विधानसभा क्षेत्र में दो बार पोहरी का चुनाव लड़ चुके है तब से वह लोगों के बीच भी अपने आपको स्थापित करने में कामयाब हुए और सफलता उन्हें वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों में मिली जहां उन्होंने ऐतिहासिक 50 हजार से अधिक मतों से विजयश्री हासिल कर अन्य प्रत्याशियों के रिकॉर्डों को ध्वस्त किया।
यूं तो पोहरी में कहा जाता है कि यहां जाति बाहुल्य सीट का अधिक महत्व है लेकिन इस मिथक को भी कैलाश कुशवाह ने तोड़ दिया और ब्राह्मण-धाकड़ के रूप में कही जाने वाली पोहरी विधानसभा में अब कैलाश कुशवाह की कुशवाह जाति से एण्ट्री हुई है जो हर जगह चर्चा का विषय रही। हालांकि एक बात अलहदा है कि कैलाश कुशवाह को दो बार पराजय के बाद अब जीत नसीब हुई वह भी दल बदलकर वहीं दूसरी ओर वर्तमान भाजपा विधायक जो कि राज्यमंत्री थीे उनके खिलाफ भी एंटी इन्कमबैंसी का माहौल था जिसका लाभ कैलाश को मिला, साथ ही धाकड़ समाज से ही बसपा के प्रधुम्न वर्मा के चुनाव मैदान में होने से कैलाश और अधिक मजबूत स्थिति में आ गए थे जिसके चलते वह ऐतिहासिक जीत के गवाह बने।
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