महिलाओं में ईश्वरीय देन है मातृत्ववान, नेतृत्ववान और कृतित्ववान : प्रांत संयोजिका श्रीमती सुनंदा सिंह रघुवंशी
स्वावलंबी बन महिलाऐं आत्मनिर्भरता में अपना योगदान देकर परिवार को संरक्षण प्रदान करें : राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरूणा सारस्वत
प्रतिभा सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और हस्त शिल्पी प्रदर्शनी के साथ मातृशक्ति समागम में हजारों महिलाएं हुई शामिल
शिवपुरी- महिलाओं में चेतना का वास हो, नारी सशक्तिकरण स्वावलंबन में तब्दील हो, अपने मौलिक अधिकारों को महिलाऐं प्राप्त करें और नारी पर होने वाले अत्याचारों के प्रति वह सजग हो इसे लेकर मनाए जा रहे संघ शताब्दी वर्ष में मातृशक्ति समागम जैसे महिला सम्मेलन कार्यक्रमों का महिला उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान होता है, संघ में कुटुम्ब प्रबोधन कार्यक्रम ही इसलिए चलाया जाता है ताकि एकल परिवार से हटकर महिलाऐं अपने घर-परिवार और समाज के साथ जुड़ सके, सामाजिक विकास में महिला की सहभागिता हो और वह पर्यावरण, जाति, प्रांत, भाषा भेद को समझें और सांस्कृतिक विकास में अपना योगदान दें, निश्चित ही महिलाओं में यह गुण समाहित होंगें तो वह कभी भी अवसाद और अन्य समस्याओं से कभी नहीं जूझेगी।
शिवपुरी- महिलाओं में चेतना का वास हो, नारी सशक्तिकरण स्वावलंबन में तब्दील हो, अपने मौलिक अधिकारों को महिलाऐं प्राप्त करें और नारी पर होने वाले अत्याचारों के प्रति वह सजग हो इसे लेकर मनाए जा रहे संघ शताब्दी वर्ष में मातृशक्ति समागम जैसे महिला सम्मेलन कार्यक्रमों का महिला उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान होता है, संघ में कुटुम्ब प्रबोधन कार्यक्रम ही इसलिए चलाया जाता है ताकि एकल परिवार से हटकर महिलाऐं अपने घर-परिवार और समाज के साथ जुड़ सके, सामाजिक विकास में महिला की सहभागिता हो और वह पर्यावरण, जाति, प्रांत, भाषा भेद को समझें और सांस्कृतिक विकास में अपना योगदान दें, निश्चित ही महिलाओं में यह गुण समाहित होंगें तो वह कभी भी अवसाद और अन्य समस्याओं से कभी नहीं जूझेगी।
महिलाओं में स्वावलंबन का समावेश अपने विचारों के माध्यम से किया संघ की महिला समन्वय की राष्ट्रीय संयोजिका सुश्री मीनाक्षी ताईजी पेशवे ने जो स्थानीय सरस्वती विद्यापीठ स्कूल में आयोजित मातृशक्ति समागम कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर अपना प्रेरक संबोधन दे रही थी। इसके पूर्व कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं में मातृशक्ति समागम कार्यक्रम की प्रांतीय संयोजिका श्रीमती सुनंदा सिंह रघुवंशी व संघ की भारतीय शिक्षण मंडल की संरक्षिका एवं पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती अरूणा सारस्वत भी मौजूद रही जिन्होंने अपने ओजस्वी उद्बोधनों से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर उद्बोधन दिए।
कार्यक्रम की शुरूआत सर्वप्रथम भारतमाता के चित्र पर दीप प्रज्जवल एवं माल्यार्पण कर हुआ तत्पश्चात अतिथियों का माल्यार्पण करते हुए स्वागत किया गया। स्वागत भाषण एवं आभार प्रदर्शन मातृशक्ति समागम कार्यक्रम की संयोजिका डा.श्रीमती सुषमा पाण्डे ने दिया। कार्यक्र का सफल संचालन कार्यक्रम सह संयोजिका श्रीमती किरण उप्पल के द्वारा अपनी ओजस्वी वाणी में किया गया। इस दौरान मातृशक्ति समागम कार्यक्रम में शिवपुरी-श्याुपेर जिले से करीब 2 हजार महिलाओं ने शामिल होकर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को सफल बनाया।
ईश्वरीय देन है महिलाऐं जिनमें मातृत्वान, नेतृत्ववान और कृतित्ववान की क्षमताऐं : प्रांत संयोजिका श्रीमती सुनंदा सिंह रघुवंशी
मातृशक्ति समागम कार्यक्रम में शामिल मुख्य वक्ता मातृशक्ति समागतन की प्रांतीय संयोजिका श्रीमती सुनंदा सिंह रघुवंशी ने महिलाओं को ईश्वरीय देन बताया जिनमें तीन महत्वपूर्ण गुण होते है जिसमें मातृत्ववान, नेतृत्ववान और कृतित्वान की असीम क्षमताऐं है, उन्होंने इन तीनों को परिभाषित करते हुए बताया कि महिलाऐं है जो ईश्वरीय कृपा से मातृत्व सुख प्राप्त करती है इस पूरे संसार में इसके इतर अन्य कोई नहीं, उन्होंने नेतृत्ववान को लेकर कई देवी अहिल्यावाई के न्याय को बताया जिन्होंने पति अवसान के बाद भी महिला नेतृत्व के रूप में राज करते हुए न्याय किया और न्याय की देवी अहिल्या बाई कहलाई, रानी लक्ष्मीबाई जैसे महत्वपूर्ण विषय पर उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला, अंत में महिलाओं के कृत्विवान को लेकर उन्होंने आह्वान कि हरेक महिला में कोई ना कोई खूबी होती है लेकिन उसे उसकी क्षमताओं का आंकलन कराने की आवश्यकता है निश्चित ही वह अपने कृतित्व से अपनी क्षमता को प्रदर्शित करते हुए अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा देने का कार्य करती है।
स्वावलंबी बन महिलाऐं आत्मनिर्भरता में अपना योगदान देकर परिवार को संरक्षण प्रदान करें : राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरूणा सारस्वत
संघ की भारतीय शिक्षण मंडल की संरक्षिका एवं पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती अरूणा सारस्वत के द्वारा मातृशक्ति समागम कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को स्वालंबन से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढऩे की प्रेरणा दी गई। श्रीमती अरूणा सारस्वती ने संघ की विचारधारा से भी महिलाओं को अवगत कराया और बताया कि किस प्रकार से संघ की महिला विंग महिलाओं के लिए स्वावलंबन में अपना योगदान देती है, हस्त-शिल्प जैसे कार्य हो अथवा एकल अभियान, सेवा भारती जैसी संस्थाऐं जहां हरेक महिला संघ के इन महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़कर स्वावलंबन की ओर आगे बढ़ती है और वह अपना अमूल्य योगदान देकर अपने घर-परिवार की संरक्षण प्रदान करती है। महिलाऐं अपनी शक्ति को पहचानें और आश्रय को छोड़कर स्वावलंबी बनने की ओर अग्रसर हो।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां, प्रतिभाऐं हुई सम्मानित
मातृशक्ति समागम कार्यक्रम में एक ओर जहां अभा क्षत्रिय महासभा की नव-युवतियों ने अपने द्वारा नारी सशक्तिकरण के रूप में आत्मरक्षा के गुण के रूप में शस्त्रों का प्रदर्शन करते हुए शौर्य दिखाया जिससे पूरे पाण्डाल में जोश भर गया, इसके अलावा मदर टेरेसा स्कूल की छात्राओं के द्वारा महाभारत की रोचक प्रस्तुति देकर सभी महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य किया गया। सभी प्रस्तुति देने वाली प्रतिभाओं और उनके साथ आए परिजनों को स्मृति भेंट करते हुए सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा मातृशक्ति समागम के रूप में वह महिलाऐं जिन्होंने अंचल शिवपुरी का नाम रोशन किया है उन्हें सम्मानित भी किया, इसमें वेट लिफ्टिंग में पोहरी से भावना शर्मा व शिवपुरी की मुस्कान शेख, सोनिया कुलश्रेष्ठ, स्वास्थ्य में श्रीमती अल्का श्रीवास्तव, राममंदिर में योगदान के लिए दिवंगत विनोद गर्ग टोड़ की पत्नि मीना गर्ग आदि को स्मृति चिह्न भेंट करते हुए सम्मानित किया गया। इस दौरान हस्त शिल्प प्रदर्शनी की स्टॉल भी लगी।
इन महिलाओं की सहभागिता में सफल हुआ मातृशक्ति समागम कार्यक्रम
मातृशक्ति समागम कार्यक्रम को लेकर दायित्व वान महिलाओं की सहभागिता रही जिसमे प्रांत से आई सुनंदा रघुवंशी विभाग संयोजीका शिवपुरी, कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर सुषमा पांडे एवं विभाग सह संयोजीका किरण उप्पल, जिला संयोजीका सुंदरी चौहान, जिला सह संयोजीका पिंकी गोस्वामी, सरिता थाना, लक्ष्मी गर्ग, शोभा पुरोहित, मीना दुबे, मंजू बाजपेई, ममता चौहान, प्रीति शुक्ला, रेखा गुप्ता, सीमा शिवहरे, हेमलता शर्मा, भारती भार्गव, अर्चना अग्रवाल, राजेश जाटव, रेखा कबीरपंथी, मीना यादव, मोनिका अग्रवाल, ललित कबीर, रश्मि भट्ट, अंजू गुप्ता, मुन्नी, नीलम चंदेल, लक्ष्मी बुनकर, मछला राव, पूनम राजोरिया, नमिता गोयल, उजमा खान, राजकुमारी लोधी, उमा सिंह, अर्चना अग्रवाल, अनीता झा, डॉक्टर सिमरन रंधावा आदि शिवपुरी की मातृ शक्ति की टीम सक्रियता के साथ शामिल रही।
ईश्वरीय देन है महिलाऐं जिनमें मातृत्वान, नेतृत्ववान और कृतित्ववान की क्षमताऐं : प्रांत संयोजिका श्रीमती सुनंदा सिंह रघुवंशी
मातृशक्ति समागम कार्यक्रम में शामिल मुख्य वक्ता मातृशक्ति समागतन की प्रांतीय संयोजिका श्रीमती सुनंदा सिंह रघुवंशी ने महिलाओं को ईश्वरीय देन बताया जिनमें तीन महत्वपूर्ण गुण होते है जिसमें मातृत्ववान, नेतृत्ववान और कृतित्वान की असीम क्षमताऐं है, उन्होंने इन तीनों को परिभाषित करते हुए बताया कि महिलाऐं है जो ईश्वरीय कृपा से मातृत्व सुख प्राप्त करती है इस पूरे संसार में इसके इतर अन्य कोई नहीं, उन्होंने नेतृत्ववान को लेकर कई देवी अहिल्यावाई के न्याय को बताया जिन्होंने पति अवसान के बाद भी महिला नेतृत्व के रूप में राज करते हुए न्याय किया और न्याय की देवी अहिल्या बाई कहलाई, रानी लक्ष्मीबाई जैसे महत्वपूर्ण विषय पर उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला, अंत में महिलाओं के कृत्विवान को लेकर उन्होंने आह्वान कि हरेक महिला में कोई ना कोई खूबी होती है लेकिन उसे उसकी क्षमताओं का आंकलन कराने की आवश्यकता है निश्चित ही वह अपने कृतित्व से अपनी क्षमता को प्रदर्शित करते हुए अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा देने का कार्य करती है।
स्वावलंबी बन महिलाऐं आत्मनिर्भरता में अपना योगदान देकर परिवार को संरक्षण प्रदान करें : राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरूणा सारस्वत
संघ की भारतीय शिक्षण मंडल की संरक्षिका एवं पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती अरूणा सारस्वत के द्वारा मातृशक्ति समागम कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को स्वालंबन से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढऩे की प्रेरणा दी गई। श्रीमती अरूणा सारस्वती ने संघ की विचारधारा से भी महिलाओं को अवगत कराया और बताया कि किस प्रकार से संघ की महिला विंग महिलाओं के लिए स्वावलंबन में अपना योगदान देती है, हस्त-शिल्प जैसे कार्य हो अथवा एकल अभियान, सेवा भारती जैसी संस्थाऐं जहां हरेक महिला संघ के इन महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़कर स्वावलंबन की ओर आगे बढ़ती है और वह अपना अमूल्य योगदान देकर अपने घर-परिवार की संरक्षण प्रदान करती है। महिलाऐं अपनी शक्ति को पहचानें और आश्रय को छोड़कर स्वावलंबी बनने की ओर अग्रसर हो।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां, प्रतिभाऐं हुई सम्मानित
मातृशक्ति समागम कार्यक्रम में एक ओर जहां अभा क्षत्रिय महासभा की नव-युवतियों ने अपने द्वारा नारी सशक्तिकरण के रूप में आत्मरक्षा के गुण के रूप में शस्त्रों का प्रदर्शन करते हुए शौर्य दिखाया जिससे पूरे पाण्डाल में जोश भर गया, इसके अलावा मदर टेरेसा स्कूल की छात्राओं के द्वारा महाभारत की रोचक प्रस्तुति देकर सभी महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य किया गया। सभी प्रस्तुति देने वाली प्रतिभाओं और उनके साथ आए परिजनों को स्मृति भेंट करते हुए सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा मातृशक्ति समागम के रूप में वह महिलाऐं जिन्होंने अंचल शिवपुरी का नाम रोशन किया है उन्हें सम्मानित भी किया, इसमें वेट लिफ्टिंग में पोहरी से भावना शर्मा व शिवपुरी की मुस्कान शेख, सोनिया कुलश्रेष्ठ, स्वास्थ्य में श्रीमती अल्का श्रीवास्तव, राममंदिर में योगदान के लिए दिवंगत विनोद गर्ग टोड़ की पत्नि मीना गर्ग आदि को स्मृति चिह्न भेंट करते हुए सम्मानित किया गया। इस दौरान हस्त शिल्प प्रदर्शनी की स्टॉल भी लगी।
इन महिलाओं की सहभागिता में सफल हुआ मातृशक्ति समागम कार्यक्रम
मातृशक्ति समागम कार्यक्रम को लेकर दायित्व वान महिलाओं की सहभागिता रही जिसमे प्रांत से आई सुनंदा रघुवंशी विभाग संयोजीका शिवपुरी, कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर सुषमा पांडे एवं विभाग सह संयोजीका किरण उप्पल, जिला संयोजीका सुंदरी चौहान, जिला सह संयोजीका पिंकी गोस्वामी, सरिता थाना, लक्ष्मी गर्ग, शोभा पुरोहित, मीना दुबे, मंजू बाजपेई, ममता चौहान, प्रीति शुक्ला, रेखा गुप्ता, सीमा शिवहरे, हेमलता शर्मा, भारती भार्गव, अर्चना अग्रवाल, राजेश जाटव, रेखा कबीरपंथी, मीना यादव, मोनिका अग्रवाल, ललित कबीर, रश्मि भट्ट, अंजू गुप्ता, मुन्नी, नीलम चंदेल, लक्ष्मी बुनकर, मछला राव, पूनम राजोरिया, नमिता गोयल, उजमा खान, राजकुमारी लोधी, उमा सिंह, अर्चना अग्रवाल, अनीता झा, डॉक्टर सिमरन रंधावा आदि शिवपुरी की मातृ शक्ति की टीम सक्रियता के साथ शामिल रही।
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