7 प्रकरणों में हुआ राजीनामा, 10 प्रकरणों की हुयी कांउंसलिंगशिवपुरी- शहर के पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित परिवार परामर्श केन्द्र के शिविर में सुनवाई योग्य 10 प्रकरणों में से 7 में राजीनामा कराने में सफलता प्राप्त हुई, वहीं समझौता न हो पाने वाले 3 प्रकरण महिला प्रकोष्ठ को वापस कर दिए गए। शिवपुरी पुलिस कप्तान रघुवंश सिंह भदौरिया की पहल और निर्देशन में चलाए जा रहे परिवार परामर्श के शिविरों में आपसी समझौतों कराकर परिवारों को टूटने से बचाने का अनुकर्णीय काम जिला पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र के द्वारा सफलता पूर्व किया जा रहा है। इसी क्रम में आयोजित इस माह के शिविर में 7 प्रकरणों में समझौते की उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। इस शिविर में पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदोरिया , जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया, महिला थाना शिखा तिवारी, एस आई रेखा गुप्ता, कन्ट्रोल रूम प्रभारी ब्रजेन्द्र सिंह के साथ, राकेश शर्मा, एच एस चौहान, डॉ इकबाल खान, भरत अग्रवाल, राजेश गुप्ता, संतोष शिवहरे, राजेन्द्र राठौर, प्रीति जैन, सुषमा पांडे, स्नेहलता शर्मा, रवजोत ओझा, मृदुला राठी, सहित महिला सेल का स्टाफ मौजूद था।
3 वर्ष अलग रह रहे थे पति-पत्नि, परिवार परामर्श केन्द्र ने सौहाद्र्रपूर्ण माहौल में एक कराया
इस शिविर का रोचक प्रकरण एक ऐसे पति पत्नी का था जो व्यक्ति 3 वर्ष से अलग रह रहे थे जहां पति चंबल संभाग के एक पुलिस अधीक्षक का गनर था। वही पत्नी अपना सिलाई कर करैरा मे गुजर बसर कर रही थी। यह दोनों विगत 3 वर्ष से अलग रह रहे थे और झगड़े की वजह एक दूसरे पर शक करना था। परामर्शदाताओं के कुशल समझाइए से इन दोनों पति-पत्नी के बीच जहां शक की गुंजाइश को समाप्त किया गया वहीं सौहार्दपूर्ण वातावरण में एक दूसरे का राजीनामा संपन्न कराया गया । अब पति-पत्नी एक साथ रहेंगे और अपने बच्चों को शहर के स्कूल में पढ़ाएंगे। इस प्रकरण में बेटी पिता के साथ रह रही थी तो बेटा मां के साथ करेरा रह रहा था।
आपसी मुंहवाद में रूठे पति-पत्नि को कराया एक
इसी क्रम में एक अन्य प्रकरण में बैराड़ निवासी राजेश का विवाह पोहरी की राम कुमारी से हुआ था और उनके विवाह को 15 वर्ष हो गए थे जिसमें 10 साल का बेटा और 9 साल की बेटी भी है। इन दोनों के बीच आपसी मुहवाद, विवाद में बदल गया?। जिसके चलते पत्नी पति से अलग विगत डेढ़ माह से मायके रह रही थी। जहां पति लॉन्ड्री का काम करके अच्छा कमाता खाता था वही पत्नी भी अपने व्यक्तिगत काम करके धन अर्जित करती थी। परामर्शदाताओं की समझाइए इसका असर ऐसा हुआ की न केवल दोनों में राजीनामा संपन्न हुआ बल्कि पति कंट्रोल रूम से ही अपनी पत्नी को साथ लेकर बैराड़ चला गया।
बिखरने से बचाया नव विवाहित परिवार
एक अन्य प्रकरण में शिवपुरी निवासी बबीता का विवाह राकेश के साथ हुआ था दोनों ही पति पत्नी बेहद पढ़े लिखे थे जहां पति आर्किटेक्ट था वही पत्नी भी उच्च शिक्षित महिला थी विवाह के मात्र 6 महीने हुए हैं और ईगो को लेकर दोनों के बीच समस्या हो गई थी लेकिन परामर्शदाताओं के कुशल परामर्श से दोनों के बीच जो समस्या थी वह दूर हो गई और विवाह के 6 माह के भीतर बिखरने जा रहा घर बच गया।
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