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Friday, December 22, 2023

सागर / नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड


सागर
। नाबालिग के साथ छेडछाड़ करने वाले अभियुक्त आकाष अहिरवार को भादवि की धारा- 354 के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, तथा पॉक्सोे एक्ट की धारा-7/8 के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से  तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने  थाना राहतगढ़ में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 09.03.2021 को वह उसके भाइयों के साथ कटाई करने गई थी, शाम करीब 5ः30 बजे अभियुक्त आकाष अहिरवार वहॉ आया और उसने बुरी नियत से पीड़िता का हाथ पकड़कर उसके साथ चलने के लिये कहने लगा। पीड़िता चिल्लाई तो मौके पर उसके भाई आ गये जिन्हे देखकर अभियुक्त आकाष भाग गया और जाते-जाते कहने लगा कि यदि रिपोर्ट की तो वह उसे और उसके भाइयों केा जान से खत्म कर देगा। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, 

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-राहतगढ़ द्वारा भा.दं.सं. की  धारा-354, 506 भाग-2 एवं पॉक्सो एक्ट की धारा- 7/8 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।


 नाबालिग लड़के के साथ कुकर्म़ करने वाले आरोपी को 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । नाबालिग लड़के के साथ कुकर्म करने वाले आरोपी परमू उर्फ पूरन लोधी को विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा- 377 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये तथा पाक्सों एक्ट की धारा-3/4 के तहत 07 वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।  मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री मनोज पटैल ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़ित लड़के की मॉ ने  थाना गौरझामर ़ में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक 03.10.2013 को वह शौच के लिये गई थी तभी उसके लडके/पीड़ित के चिल्लाने की आवाज आई तो वह दौड़कर गई तो देखा अभियुक्त परमू लोधी उसके लड़के के साथ गलत काम कर रहा था वह चिल्लाई तो वह लड़के/पीड़ित को छोड़कर भाग गया।  उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, 

घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-गौरझामर द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 377 एवं पॉक्सों एक्ट की धारा-5एम/6 एवं एस.सी./एस.टी. एक्ट की धारा- 3(2)(व्ही) का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवम नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा  जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।


नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म़ करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड 
सागर । नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म़ करने वाले अभियुक्त षिवा यादव को भादवि की धारा- 366 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, तथा पॉक्सोे एक्ट की धारा-6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से  तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया है। माननीय न्यायालय द्वारा बालिका के पुर्नवास के लिये क्षतिपूर्ति हेतु युक्तियुक्त प्रतिकर 4,00,000/-(चार लाख रूपये मात्र) दिलाये जाने का आदेष पारित किया गया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता के भाई ने  थाना राहतगढ़ में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 03.04.2022 को सुबह उसकी बहन घर पर नहीं दिखी तो उसकी तलाष घर में सभी जगह की तथा उसे घर के आस-पास देखा लंेकिन पीड़िता नहीं मिली। सभी को लगा कि मंदिर गई होगी तो बालिका का इंतजार किया लेकिन पीड़िता नहीं आई ।अभियुक्त षिवा यादव द्वारा बालिका को बहला-फुसलाकर भगा कर ले जाने की शंका व्यक्त की। दिनॉक 28.04.2022 को पीड़िता केे दस्तयाव होने पर उसके कथन लेखबद्ध किये गये। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, 

घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-राहतगढ़ द्वारा भा.दं.सं. की  धारा-366ए, 376(1),376(2)(एन) एवं पॉक्सों एक्ट की धारा-3/4, 5/6 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।

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