बाल दिवस पर ग्राम मामोनी में अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित हुई जीते बच्चो को उपहार देकर उनका मनोबल बढ़ायाशिवपुरी। बच्चे अपने देश का भविष्य होते हैं। किसी भी देश के विकास के लिए बच्चों का विकास बहुत जरूरी है। ऐसे में समाज और देश की जिम्मेदारी है कि बच्चों को रहने योग्य बेहतर माहौल और अच्छी शिक्षा दी जाए। इन्हीं भावी प्रतिभाओं के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए भारत हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर मनाता है। बाल दिवस बच्चों का राष्ट्रीय पर्व है।
इसी उद्देश्य को लेकर शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन के साथ संयुक्त रूप से मिलकर बच्चो में छुपी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतियोगता जिसमे रेस, चेयर रेस, बोलो बोलो कितना आप कहो जितना, सॉन्ग प्रतियोगिताएं आयोजित की जिसमे गांव के आदिवासी एक सेकड़ा बच्चो ने भाग लिया। प्रोगाम संयोजक रवि गोयल ने कहा की हालांकि 14 नवंबर से पहले भारत में बाल दिवस मनाने का दिन अलग था। गांव की रूबी आदिवासी जिसका की चयन नवोदय विद्यालय नरवर में हुआ है वो यही मामोनी में पढ़ी है उसने एक गीत जो की बाल हिंसा का विरोध करती हैं गाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया और उन्होंने कहा की बाल दिवस को अपने जन्मदिन की तरह मनाते हैं।
बाल दिवस को लेकर जितना उत्साह बच्चों में होता है, उतना ही इसका महत्व देश दुनिया में भी है। बाल दिवस के बारे में ऐसी कई बाते हैं, जो हर किसी को पता होनी चाहिए। आज संस्था द्वारा मंच पर बच्चो को मुख्य अतिथि एवम अतिथि बनाया। गाना प्रतियोगिता में रूबी आदिवासी जवाहर नवोदय विद्यालय 8बी कविता में राजमीत आदिवासी कक्षा 3 रवि आदिवासी कक्षा 5 चेयर रेस में समीना आदिवासी कक्षा 5 रेस में सोमवती आदिवासी कक्षा 6,रवीना आदिवासी,रवींद्र आदिवासी,आशु आदिवासी, सैलेंद्र आदिवासी एवम बोलो बोलो कितना आप बोलो कितना प्रतियोगिता में सबनम आदिवासी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया इन सब बच्चो को मुख्य अतिथि एवम अतिथि द्वारा उपहार देकर उनका हौसला अफजाई की गई साथ में उनके माता पिता को आदिवासी बच्चो को ऐसे ही निरन्तर पढ़ाई करने की सलाह दी गई। प्रोग्राम में शक्ति शाली महिला संगठन के विनोद गिरी, पिंकी चौहान एवम समुदाय के बच्चों में प्रमुख सहभागिता की।
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