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Wednesday, November 22, 2023

देवउठनी एकादशी से प्रारंभ होंगें मांगलिक कार्य, विवाह मुहूर्त भी होंगें शुरू


बाजार में बिके गन्ने, आज घर-घर उठेंगें देव

शिवपुरी। लगभग चार महीने 20 दिन पहले 29 जून को आषाढ़ शुक्ल एकादशी पर देवशयनी एकादशी मनाई गई थी और इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करने चले गए थे। तब से शुभ संस्कारों पर रोक लगी हुई थी, लेकिन अब आज गुरूवार 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ ही भगवान श्रीहरि विष्णु के रूप में घर-घर देव पूजे जाऐंगें। इसे लेकर बाजार में भी पारंपरिक रूप से मनाए जाने देवोत्थान एकादशी को लेकर गन्नों की बिक्री हुई और बाजार में अनेकों स्थानों पर गन्नों की बिक्री हुई।

गन्नों से भरा भारी वाहन का नगर में प्रवेश
देवउठनी एकादशी को लेकर शहर में अनेकों स्थानों पर यूं तो अधिकांश भारी वाहनों और टे्रक्टरों में किसान गन्ने लेकर आए। लेकिन यहां यातायात नियमों को ठेंगा दिखाते हुए भी एक भारी वाहन नगर में प्रवेश कर गया और नगर के बीचों बीच दोपहर के समय जब नो एट्री वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहता है उसके बाद भी यह भारी वाहन नगर में प्रवेश कर गया और राजेश्वरी रोड़ स्थित अग्रसेन चौक के समीप गन्नों से भरे वाहन ने वहां खड़े होकर अपना व्यापार भी किया।

तुलसी और शालिगराम के प्रतीक के रूप में निभाई जाती है परंपरा

कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी को तुलसी और शालिग्राम के विवाह प्रतीक के रूप में परंपरा के अनुसार घर-घर में देव पूजे जाते है। तुलसी विवाह के साथ ही विवाह मुहूर्तों की शुरुआत हो जाएगी। विवाह की शहनाइयां बजने लगेंगी। रेवती नक्षत्र गुरुवार को 5 बजकर 16 मिनट से शुरू हो रहा है। इसके बाद मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

क्या कहते हैं ज्योतिष
शहर के एबी रोड़ स्थित खुड़ा पर निवासरत पं. गजेन्द्र शास्त्री के अनुसार गोधूलि लग्न शाम 5.30 से 6.30 बजे का है, वैसे पूजा रेवती नक्षत्र शुरू होने के बाद कभी भी की जा सकती है, लेकिन गोधूलि लग्न को बहुत शुभ माना जाता है। पं. लक्ष्मीकांत शर्मा के अनुसार इस बार निर्णय सागर पंचांग के अनुसार बड़े मुहूर्त कम हैं। 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा और 15 जनवरी तक एक महीने के लिए वैवाहिक कार्यक्रमों पर रोक रहेगी।

नवम्बर में 4 तो दिसम्बर केवल दो विवाह मुहूर्त

देवी उठनी एकादशी के साथ ही शुभ विवाह मूहुर्त भी प्रारंभ हो जाऐंगें। लेकिन इस बार विवाह मुहूर्त में नवंबर में चार, दिसंबर में दो ही शुभ मुहूर्त बताए गए है जबकि नव वर्ष 2024 के जनवरी में छह, फरवरी में चार,मार्च में पांच, अप्रैल में चार और जुलाई में दो बड़े शुभ मुहूर्त हैं। इसके अलावा 28 अप्रैल से 5 जुलाई तक शुक्र अस्त हो जाएगा और इस दौरान वैवाहिक कार्यक्रम नहीं होते हैं। इसी तरह 7 मई से 31 मई तक गुरु अस्त रहेगा और फिर इस दौरान भी विवाह नहीं होंगे। इस तरह गुरु-शुक्र के अस्त होने से दो महीने तक विवाह के मुहूर्त नहीं रहेंगे।

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