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Wednesday, November 8, 2023

किशोरियों में एनीमिया से बचाव के लिए पौष्टिक भोजन करें, तनाव से दूर रहें प्रिंसिपल अर्चना दुबे


शिवपुरी।
किशोरियों में खून की कमी (एनीमिया) आम बात है। यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है। खाने-पीने में पौष्टिक तत्वों को शामिल कर एनीमिया दूर किया जा सकता है। किशोरियों में एनीमिया से बचाव के लिए पौष्टिक भोजन करें, तनाव से दूर रहें ये कहना था शक्ती शाली महिला संगठन द्वारा एकीकृत शासकीय हाई स्कूल कोटा में अयोजित एनीमिया से बचाव एवम मानसिक तनाव से मुक्ति कार्यशाला में स्कूल की पिंसीपल श्रीमती अर्चना दुबे का जो की छात्रा छात्राओ को सम्बोधित करते हुए बोल रही थी  किशोरियों में खून की कमी (एनीमिया) की अगर बात करे तो अधिकांश बच्चे इससे ग्रसित पाए जाते है ये कहना था शक्ती शाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल का जो की आज बच्चो से इस मुद्दे पर वन टू वन चर्चा कर रहे थे उन्होने कहा की अनीमिया आम बात है। यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है।

 खाने-पीने में पौष्टिक तत्वों को शामिल कर एनीमिया दूर किया जा सकता है। 10 से 16 वर्ष की उम्र किशोरावस्था की होती है। यह उम्र बेहद संवेदनशील होती है, क्योंकि इस उम्र में हार्मोन में व्यापक बदलाव होने लगते हैं। मानसिक के साथ शारीरिक अंगों मे भी बदलाव होते है ये बातें संस्था के एनीमिया से बचाब के नोडल ऑफिसर राहुल ओझा ने किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्य शाला में कहीं। प्रोग्राम में स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक वीरेंद्र अवस्थी ने बताया कि मां सबसे अच्छी सहेली की तरह होती है। इसके अलावा किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप विद्यालय में संस्था की टीम निरन्तर आती है उनसे संपर्क कर सकते हो उन्होंने कहा की किशोरावस्था में कई प्रकार के व्यवहार में बदलाव होते हैं। 

किशोरियों ने महावारी की शुरुआत होती है, इस समय मन में कई प्रकार की बेचैनियां भी होने लगती है। इस दौरान हाइजीन का खासा ख्याल रखना चाहिए। आयरन युक्त भोजन करना चाहिए। देखा जाता है पौष्टिक भोजन नहीं मिलने के कारण किशोरियां एनीमिया की शिकार भी हो जाती हैं।  

प्रोग्राम में रवि गोयल ने मुख्य रूप से इन बातों की दी गई जानकारी : ज्यादा चितित नहीं रहे, पर्याप्त नींद लें-तनाव से दूर रहें,मन नहीं लगे तो अपने दोस्तों के साथ घूमे उनसे बातचीत करें,छोटी मोटी बात पर भी गुस्सा नहीं करें,अपने भावनाओं पर नियंत्रण रखें ,खुद को महत्वहीन नहीं मानें और चिड़चिड़ापन नहीं हों,परिवार के लोगों से अलग-थलग नहीं रहे,अधिक समय सोशल साइट पर नहीं दें और  योग करें। आज जागरूकता कार्यक्रम में स्कूल के समस्त स्टाफ के साथ स्कूल के किशोर किशोरी एवम शक्ती शाली महिला संगठन की टीम ने  सक्रीय सहयोग किया।

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