पहले ही अटेम्ट में किया पास, बने सबसे कम उम्र के आईईएस अधिकारीशिवपुरी- शिवपुरी के सारांश गुप्ता ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में 20 वाँ स्थान प्राप्त कर हौसलों की मंजिल को जीत लिया है। बता दे कि शिवपुरी के सिध्देश्वर कॉलोनी में रहने वाले वैश्य समाज के गुप्ता परिवार में सारांश के पिता संजीव गुप्ता पंचायत सचिव है माँ शोभा गुप्ता भाई सत्यम गुप्ता ह्यड्ढद्ब में और बहिन सुरभि गुप्ता सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में असिस्टेंट मैनेजर है। सारांश गुप्ता की सफलता पर वैश्य महासम्मेल शिवपुरी के पदाधिकारियों ने शॉल ओढ़ाकर, माला पहनाकर मिठाई खिलाई और सम्मान किया और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश महामंत्री भरत अग्रवाल, सम्भागीय अध्यक्ष देवेन्द्र जैन खतौरा, युवा इकाई सम्भागीय प्रभारी दुर्गेश गुप्ता, सम्भागीय मीडिया प्रभारी रंजीत गुप्ता ,जिला अध्यक्ष सिंघई अजित जैन,कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजेन्द्र गुप्ता,वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमन अग्रवाल, शिवशंकर सेठ, पत्रकार आरती जैन सहित वैश्य बंधु आदि मौजूद रहे।
घर पर रहकर ही की थी तैयारी
खास बात यह है कि सारांश गुप्ता ने अपनी पढ़ाई घर में रहकर ही की है. उनका कहना है कि जो बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें एकाग्र होने की जरूरत है, सारांश कहते हैं कि उन्हें अपने परिवार से काफी सपोर्ट मिला और उन्हें पढऩे के लिए पूरा माहौल दिया. यही वजह है कि उन्होंने यह सफलता हासिल की है।
देश सेवा का ही रखा विकल्प
शिवपुरी के बेहद सामान्य परिवार के सारांश गुप्ता की इस सफलता के बाद न केवल शहर वाले खुश हैं, बल्कि उनको चाहने वाले भी लगातार बधाई दे रहे हैं। जल्द ही इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज में अपना पदभार संभालने वाले सारांश ने बताया कि यह उनकी पसंदीदा जॉब है. इस सफलता से पहले ही उन्हें देश और विदेश की तमाम बड़ी कंपनियां ऑफर दे चुकी हैं. सारांश कहते हैं कि उनके पास कई सारी कंपनियों के अपॉइंटमेंट लेटर आए हैं, लेकिन उनके लिए देश की सेवा करने से बेहतर दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
पहले ही प्रयास में मिली सफलता
शिवपुरी के सारांश गुप्ता ने महज 22 वर्ष की उम्र में संघ लोक सेवा आयोग की भारतीय यांत्रिकी सेवा में पास हुए हैं. उन्होंने सबसे कम उम्र में इस प्रतियोगी परीक्षा को पास किया है. आपको बता दें सारांश पहले ही प्रयास में यह परीक्षा पास करने में सफल हुए हैं, सारांश की देश भर में 20 वीं रेंक है, सारांश की मेट्रो मैन जैसा कुछ अनूठा कर दिखाने की इच्छा है. उन्हीं को वे अपना आदर्श मानते हैं।
जेईई मेंस और एडवांस दोनों परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं
सारांश को बीएचयू की पढ़ाई के दौरान ही टाटा प्रोजेक्ट से मिला 16 लाख का पैकेज ठुकराया था. 2023 में आईआईटी सिविल इंजीनियरिंग पास की और गेट परीक्षा में भी सफलता हासिल की थी।
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