दून स्कूल में हुआ सांपों को लेकर जागरूकता कार्यक्रमशिवपुरी-जितना हम सांप से डरते हैं सांप भी उतना ही हमसे डरता है ।सांप को लेकर दुनिया में जो भ्रांतियां व डर फैला है उसे दूर करना जरूरी है। उक्त कथन शिवपुरी जिले के नरवर कस्बे के सुप्रसिद्ध सर्प विशेषज्ञ सलमान पठान ने शिवपुरी शहर के प्रतिष्ठत दून पब्लिक स्कूल में मीट एंड ग्रीट कार्यक्रम के दौरान बच्चों के सम्मुख सांपों का प्रदर्शन कर कहीं। आपने बच्चों के डर और भ्रांतियां को दूर करते हुए बताया कि आम कैरेट रसल वाइपर, इंडियन स्पेक्टिकल कोबरा को छोड़कर भारत में पाए जाने वाले अधिकांश सांप जहरीले नहीं होते बल्कि अधिकांश सांप जनहितैषी का कार्य करते हैं ।वह चूहे, छिपकली ,मेंढक ,पक्षियों के अंडे, छोटे कीड़े मकोड़े खाकर अपना पेट भरते हैं ।
उन्होंने विभिन्न प्रजाति के सांपों को बच्चों को दिखाकर उनकी कई भ्रांतियां दूर की। जैसे सांप दूध पीते हैं ,सांप की जीभ की बनावट इस प्रकार की होती है कि वह दूध पी नहीं सकता ।दूसरी भ्रांति यह है कि सांप बीन की आवाज सुनकर नाचता है ,जबकि सांप के कान ही नहीं होते हैं वह केवल वाइब्रेशन को महसूस करते हैं और बीन के मूवमेंट के हिसाब से ही मूव करते हैं ।एक और भ्रांति है कि सांप बदला लेते हैं , यह बिल्कुल गलत है इसकी मेमोरी में कोई ऐसा रिकॉर्ड नहीं होता है ।सर्प विशेषज्ञ सलमान ने बताया कि सांप के काटने पर झाड़ फूंक पर भरोसा ना कर तुरंत पीड़ित को अस्पताल में डॉक्टर को दिखाना चाहिए समय पर इलाज करा कर मरीज को बचाया जा सकता है ।
बच्चों ने सांप को छूकर डर भगाया
सांपों को बच्चों के सामने प्रदर्शित कर सलमान पठान ने बच्चों से भी सांप को अपने हाथ में लेने के लिए प्रोत्साहित किया और उनके डर को भगाया। प्रारंभ में बच्चे सांपों को देखकर डर से सीख रहे थे परंतु जैसे-जैसे सलमान ने सांपों के बारे में सारी भ्रांतियां को दूर कर उसे किसान मित्र बताया तब बच्चों का डर दूर हुआ और अधिकांश छात्रों ने सांप को छूकर, अपने हाथ में लेकर अपना डर भगाया। रेडिएंट ग्रुप के संचालक शाहिद खान ने जानकारी देते हुए बताया कि सांप हमारी खाद्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इनके रहने से पारिस्थितिक तंत्र मजबूत होता है ।हमें अपनी भ्रांतियां दूर कर सांपों से ना डरते हुए सावधान रहने की जरूरत है। सलमान खान ने मीट एंड ग्रीट कार्यक्रम के दौरान मौजूद सभी बच्चों के प्रश्नों के सवाल सरल शब्दों में देकर उनकी जिज्ञासाओं को दूर किया। अंत में दून पब्लिक स्कूल की डायरेक्टर डॉक्टर खुशी खान ने उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान कर धन्यवाद ज्ञापित किया ।
सर्प विशेषज्ञ सलमान: जन्म से ही सांपों से रहा नाता
जिले के नरवर कस्बे के निवासी सलमान पठान ने बताया कि उन्हें बचपन से ही सांप पकडऩे का शौक था वह तकरीबन 5 वर्ष के थे तब उन्होंने एक कोबरा सांप के बच्चे को अपने हाथ में ले लिया था और वह उसे लेकर घर आ गए थे तब उनके पापा ने उन्हें सर्प के बारे में जानकारी दी तब से ही वे सांपों से प्रभावित हो गए और धीरे-धीरे सांपों के प्रति उनका प्रेम बढ़ता गया ।उन्होंने बताया कि वह प्रति माह तकरीबन 100 से अधिक सांपों को घरों से, खेतों से ,रहवासी क्षेत्रों से दूर ले जाकर जंगल में छोड़ रहे हैं ।इसके लिए वन विभाग ने भी उन्हें अनुबंधित कर रखा है।
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