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Sunday, October 22, 2023

अवैध उत्खनन को लेकर एनजीटी में दायर याचिका को लेकर दिए गए आवश्क निर्देश


अधिवक्ता अभय जैन के द्वारा दाखिल की गई है याचिाका

शिवपुरी- शहर का युवा अधिवक्ता अभय जैन के द्वारा शिवपुरी जिले के मझेरा क्षेत्र के राजस्व एवं वन भूमि में चल रहे अवैध उत्खन्न को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दायर की थी, जिसमे प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर विभिन्न निर्देश दिए गए थे।
अभय जैन ने बताया कि कलेक्टर शिवपुरी द्वारा अक्टूबर 2021 में मझेरा क्षेत्र के सर्वे क्र. 357, 357/1, 358/1, 314, 315, 316 में पत्थर उत्खनन हेतु विज्ञप्ति जारी की थी, माधव राष्ट्रिय उद्यान की सीमा से 2 किलोमीटर के क्षेत्र को एको-सेंसिटिव जोन घोषित किया जा चुका है जिसमे किसी भी प्रकार की खनिज एवं सम्बन्धित गतिविधियाँ नही की जा सकती हैं। 

कलेक्टर शिवपुरी द्वारा मझेरा क्षेत्र में जो सर्वे नंबर पर पत्थर उत्खनन हेतु विज्ञप्ति जारी की थी वह माधव राष्ट्रीय उद्यान की 2 किलोमीटर की परिधि में आता था जो कि नियम विरुद्ध था एवं जिसको लेकर एनजीटी में याचिका दायर की गई। अभय जैन ने बताया कि मझेरा क्षेत्र के मोरई में वन भूमि पर बहुत समय से अवैध उत्खन्न हो रहा है जो कि गूगल की सॅटॅलाइट फोटो में देखा जा सकता है और जिस पर आज तक कोई भी ठोस कार्यवाही नही की गई है इसको लेकर भी एनजीटी में याचिका दायर की गई। जिस लेकर एनजीटी द्वारा गठित कमिटी द्वारा मौके पर जाकर जांच की गई एवं पाया गया कि पूर्व में किये गए उत्खन्न का भराव आज तक नही किया गया है, लेकिन समिति द्वारा वन क्षेत्र में जाकर उत्खनन की जांच नही की गई, जिस पर आपत्ति याचिकर्ता द्वारा की गई एवं सुनवाई में भी रखी गई।

अवैध उत्खन्न क्षेत्र में भराव पर 118.96 लाख का आना है खर्चा, अगली सुनवाई 20 दिसम्बर को
इस मामलेे में संचालक, खनिज विभाग भोपाल एवं कलेक्टर शिवपुरी ने एनजीटी द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन में प्रतिवेदन तैयार किया है जिसमे अवैध उत्खन्न क्षेत्र में भराव करने के लिए एक माइन रिक्लेमेशन प्लान तैयार किया है जिसमे कुल 118.96 लाख का खर्चा आना है जो कि कार्यालय कलेक्टर के पास उपलब्ध नही है इसलिए राज्य स्तर से दिए जाने का अनुरोध किया है। एनजीटी द्वारा दिए गए निर्देश में यह साफ कहा गया है कि उत्खन्न क्षेत्र में भराव एवं अन्य कार्य के लिए चाही गई राशीयदि शासन के पास कम है तो पूर्व के लीज धारकों से वसूली जाए जिसके ऊपर कार्यवाही चल रही है। बीती 13 अक्टूबर को एनजीटी के समक्ष सुनवाई में संचालक, खनिज विभाग भोपाल द्वारा अवगत कराया गया कि पूर्व लीज धारकों को खदान में माइन रिक्लेमेशन प्लान के लिए आवश्यक राशि की वसूली के लिए नोटिस जारी किये का चुके हैं, अगली सुनवाई 20 दिसम्बर को नियत है जिसमे संचालक को पालन प्रतिवेदन पेश करने को निर्देशित किया है।

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