शिकायकर्ता ने कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ की शिकायत, जांच कर कार्यवाही की मांगशिवपुरी-जिले में तीन ब्लॉक करैरा पिछोर और शिवपुरी में बीएसएनएल द्वारा हर ग्राम पंचायत में इंटरनेट कनेक्टिविटी चालू करने के लिए ओएफसी लाइन डाली गई है इसका मेंटेन डीबीईएल कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य में भारत सरकार द्वारा अरबों रुपए खर्च कर प्रत्येक ग्राम पंचायत पर इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की जानी है परंतु कंपनी द्वारा फर्जी बिल बनाने हेतु एक ग्राम पंचायत में अन्य पंचायत की मशीन लगाकर उन्हें अन्य पंचायत को चालू दिखाया जा रहा है और अन्य पंचायत में जो मेंटेनेंस कार्य में जो खर्चा बच रहा है उसे कलेक्शन के रूप में जेब में रखा जा रहा है। यह आरोप लगाए ग्राम पंचायत रायश्री निवासी लव शर्मा ने जिन्होंने इस मामले की शिकायत कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ को करते हुए मामले की जांच कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।
इस शिकायत में आरोप लगाते हुए ग्राम रायश्री के लव शर्मा ने बताया कि नेटवर्क इंजीनियर कंपनी के कर्मचारी मिलकर प्रधानमंत्री के डिजीटल ग्राम पंचायत अभियान में नेटवर्क इंजीनियर की शह पर फर्जीबाड़ा का काम फाईबर मेंटेंनेंस कंपनी कर रही है जिसके चलते कई ग्राम पंचायत ऐसी है जिनकी लाइन ही डैमेज हो गई है उन ग्राम पंचायतों के इंस्ट्रूमेंट दूसरी पंचायतों पर रखकर अन्य पंचायतों को चालू दिखा जा रहा है और यह पूरा खेल नेटवर्क इंजीनियर की शह पर हो रहा है इस बारे में जब बीएसएनएल के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और प्रशासन को इस महत्वपूर्ण योजना की तरफ कोई भी ध्यान नहीं है ना ही ग्राम पंचायत और जिला पंचायत का इस ओर ध्यान है केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजनाओं को पलीता लगा रहे है।
करोड़ों रूपए के बीएसएनएल को इंटरनेट कनेक्टिविटी के नाम पर हो रहा फर्जीबाड़ा
यहां शिकायकर्ता लव शर्मा ने बताया कि द्वारा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लगभग करोडो रुपए बीएसएनएल को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान किए गए परंतु इस योजना में भी कंपनी द्वारा फर्जी लीपापोती कर फर्जीवाड़ा कर ग्राम पंचायतों पर लगाने वाले कनेक्शन प्राइवेट दुकानों पर एक ही जगह रखकर संचालित मासिक बिल बनाकर कर पैसे निकाले जा रहे हैं जिसमें लोकल बीएसएनल अधिकारी ब भारत नेट के नेटवर्क इंजीनियर जो वर्तमान मे श्योपुर शिवपुरी का इस योजना को देख रहे हैं इन्हीं की मिली भगत से इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। नेटलिंक वेंडर के साथ मिलकर कमीशन के हिस्से बंधे हुए इस योजना में अभी तक ऐसे 1 से 2 करोड़ रुपए का घोटाला किया जा चुका है एवं इसी योजना में बीएसएनएल द्वारा यदि कहीं पर इंटरनेट कनेक्शन देने के लिए भुगतान किया जाता है इसमें भी फर्जीवाड़ा कर फर्जी बिलों के भुगतान किये जा रहे है।
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