निजी स्कूलों को बंद कराने का दबाब कुछेक लोगों की स्वार्थ पूर्ति करने की मंशाशिवपुरी-जब शासन के द्वारा प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन व सीबीएसई बोर्ड स्कूल के द्वारा आरटीई के तहत दिए गए प्रवेश के संबंध में क्षतिपूर्ति को लेकर उच्च अधिकारियों से चर्चा हो गई है और आश्वासन भी मिल गया है तब तिमाही परीक्षाओं के बीच स्कूली बच्चों की छुट्टी रखना का कोई औचित्य नहीं, हालांकि कुछेक लोग जो प्रायवेट स्कूल बंद कराने को लेकर जो कार्य कर रहे है वह उनके निजी स्वार्थों की पूर्ति की मंशा प्रतीत होती है। यह कहना है कि प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अशोक ठाकुर का जिन्होंने 18 सितम्बर को जिला मुख्यालय के कई निजी स्कूलों को कराए गए बंद का विरोध जताया और इस तरह का कार्य करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग जो कि शासन के आश्वासन के बाद भी अपनी मनमर्जीपूर्वक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है और तिमाही परीक्षाओं के बीच भी स्कूलों में अनावश्यक रूप से अवकाश घोषित किया।
प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से जिलाध्यक्ष अशोक ठाकुर ने बताया है कि बच्चों की शिक्षा के प्रति हम किसी भी प्रकार से समझौता नहीं करेंगें और ना किसी प्रकार के अनावश्यक दबाब बनाऐंगें, चूंकि प्रायवेट स्कूल और सीबीएसई बोर्ड के स्कूल की आरटीई के तहत क्षतिपूर्ति संबंधित अन्य मांगें है जिन्हें पूर्ण कराने के लिए एसोसिएशन प्रतिबद्ध है लेकिन जब शासन से चर्चा होकर निश्चित समयावधि का आश्वासन मिला है तब अनावश्यक रूप से स्कूलों में जबरन अवकाश रखना प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन इसका समर्थन नहीं करता। अंत में श्री ठाकुर ने कहा कि आने वाले समय में प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन एक बार शासन से चर्चा होने के बाद अगला कदम उठाएगा जिसमें सभी की सहभागिता होगी।
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