रिटायर्ड कर्मचारी ने कलेक्टर से कहा-पिता के इलाज के दिलाऐं 16 लाख में से 5 लाख रूपएशिवपुरी-करोड़ों के भ्रष्टाचार के रूप में बदनाम हुए सहकारी बैंक में कई शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के बैंक खाते तत्समय खुले हुए थे लेकिन इस करोड़ों के भ्रष्टाचार के बाद जमा लोगों के पैसे भी वापिस नहीं मिल पा रहे है जिसके चलते कोई अपनी बेटी की सगाई-शादी करने में असमर्थ हो रहा है तो कोई अपने परिजनों का इलाज कराने के लिए अपने ही पैसों को प्राप्त करने के लिए परेशान हो रहा है और इस मामले में अब जनसुनवाई में जाकर गुहार लगाते हुए अपनी जमा राशि को वापिस प्राप्त की मांग कर रहा है।
ऐसा ही मामला सामने आया कलेक्टे्रट में होने वाली मंगलवार की जनसुनवाई में जहां गोविन्द नगर निवासी मप्र विद्युत मण्डल से सेवानिवृत्त रिसाल सिंह अपने पिता का इलाज कराने को लेकर ज्ञापन के साथ एडीएम के समक्ष पहुंचे और अपनी जमा पूंजी 16 लाख रूपये में से पिता के इलाज के लिए 5 लाख रूपये की राशि प्रदाय करने की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी शासकीय सेवा के दौरान 40 वर्षों तक शिवपुरी में रहकर बिजली विभाग में काम किया और मेरे सहकारी बैंक में 16 लाख रुपए जमा है,
चूंकि फरियादी रिसाल सिंह के पिता का स्वास्थ्य ठीक ना होने के चलते वह अपनी जमा राशि में से केवल 5 लाख रूपये ही प्राप्त हो जाए ताकि पिता का इलाज कराया जा सके। अपने जमा पैसे वापिस दिलाने की गुहार फरियादी रिसाल सिंह के द्वारा कलेक्ट्रेट में की गई लेकिन समस्या का उचित निराकरण का जबाब उन्हें नहीं मिला। ऐसे में पिता के इलाज के लिए अपने ही पैसों के लिए जनसुनवाई तक पहुंचकर फरियादी को अपनी समस्या से अवगत कराना पड़ा।
ऐसे में जिला प्रशासन को भी चाहिए कि इस तरह के हालातों में पीडि़तों की यथा संभव मदद की जाए। यहां बता दें कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित पुरानी शिवपुरी के रिसाल सिंह के बैंक खाते में 16 लाख 70 हजार 105 रुपए जमा हैं और उनके पिता के घुटनों के उपचार के लिए 5 लाख रुपए की आवश्यकता पड़ रही है, लेकिन बैंक पैसे देने को तैयार नहीं है इसे लेकर वह अपनी समस्या के संदर्भ में कलेक्ट्रेट में मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में पहुंचे।
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