धन-धान्य से संपन्न परिवार को छोड़ महाराष्ट्र से आए शिवपुरी, कर रहे प्रभुजियों का उपचार व सेवा का कार्यशिवपुरी-अपनों से बेखबर, मंदबुद्धि दिव्यांग जिन्हें अपना घर परिवार प्रभुजियों के रूप में मानता है ऐसे प्रभुजियों की सेवा के लिए एक सेवादार ऐसे भी है जो हजारों किमी दूर मुम्बई से यात्रा कर शिवपुरी आए और सेवा का ऐसा भाव जागा कि वह बीते तीन माह से अपना घर आश्रम में रहकर अपने परिजनों से दूर बस केवल प्रभुजियों की सेवा करने में जुट गए। महाराष्ट्र से आए श्रीगणेश भाग्यवन्त जो कि स्वयं बिजली विभाग में सेवारत होकर सेवानिवृत्त हुए और धन-धान्य और संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते है उनकी पत्नि मनोचिकित्सक काउंसलर है और एक पुत्र चिकित्सक व दूसरा पुत्र विदेश सेवा में कार्यरत है।
बाबजूद इसके सेवा में ऐसा मन लगा कि वह अपने हजारों किमी दूर घर-परिवार को छोड़ अपना घर आश्रम बांसखेड़ी में आए जहां प्रभुजियों की सेवा कार्य में लग गए, यहां ना केवल श्रीगणेश भाग्यवंत प्रभुजियों का उपचार और मल्हम, पट्टी करते है बल्कि नियमित रूप से उनका स्नान, वस्त्र पहनाने सहित अन्य सेवा कार्यों को वह स्वयं करते है। इनके इस सेवा कार्यों को अपना घर आश्रम के अध्यक्ष रमेशचंद अग्रवाल व वित्त कोषाध्यक्ष गोविन्द बंसल सहित आश्रम में प्रभुजियों के सेवादार भाई गौरव जैन सराहा रहे है बल्कि सभी लोग मिलकर भाग्यवन्त के द्वारा की जाने वाली अनुकरणीय प्रभुजी सेवा से प्रभावित होकर उनकी मदद के लिए हर समय तत्पर रहकर कार्यरत भी है।
यहां अपना घर आश्रम में सैकड़ों प्रभुजियों के लिए जीवन के लिए श्रीगणेश भाग्यवन्त ने अपना पूरा जीवन ही समर्पित कर दिया है हालांकि ऐसा नहीं है कि वह अपने घर-परिवार से कोई चर्चा नहीं करते बल्कि समय-समय पर वह अपने परिजनों के भी संपर्क में रहते है लेकिन इन प्रभुजियों की सेवा से बड़ी कोई सेवा उन्हें नजर नहीं आती, इसलिए वह करीब तीन माह से प्रभुजी सेवा में यहां लगे हुए है।
इनका कहना है-
अपना घर में मौजूद प्रभुजियों की सेवा के लिए महाराष्ट्र से श्रीगणेश भाग्यवन्त स्वत: ही सेवा कार्य के लिए अपना घर आश्रम आए और यहां प्रभुजी सेवा का हमसे आग्रह किया तो हमने भी उन्हें आश्रय प्रदान किया है निश्चित ही उनकी अनुकरणीय सेवा का प्रभाव यह है कि कई प्रभुजी स्वस्थ होकर अपनी स्मरण शक्ति को पुन: पाकर अपने परिजनों के पास भी पहुंच रहे है।
रमेशचंद अग्रवाल
अध्यक्ष, अपना घर आश्रम, शिवपुरी
अपना घर आश्रम सदा ही प्रभुजियों की सेवा के लिए समर्पित है और इस आश्रम की सेवा में यदि कोई आकर जुडऩा चाहता है तो हमे ऐसे सभी सेवाभावियेंा का स्वागत करते है, श्रीगणेश भाग्यवन्त भी ऐसे ही सेवाभावी है जो महाराष्ट्र में अपने संपन्न परिवार को छोड़कर प्रभुजी सेवा करने यहां आए तो हम भी उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान कर रहे है।
गौरव जैन
प्रभुजी सेवादार, अपना घर आश्रम, शिवपुरी
इनका कहना है-
अपना घर में मौजूद प्रभुजियों की सेवा के लिए महाराष्ट्र से श्रीगणेश भाग्यवन्त स्वत: ही सेवा कार्य के लिए अपना घर आश्रम आए और यहां प्रभुजी सेवा का हमसे आग्रह किया तो हमने भी उन्हें आश्रय प्रदान किया है निश्चित ही उनकी अनुकरणीय सेवा का प्रभाव यह है कि कई प्रभुजी स्वस्थ होकर अपनी स्मरण शक्ति को पुन: पाकर अपने परिजनों के पास भी पहुंच रहे है।
रमेशचंद अग्रवाल
अध्यक्ष, अपना घर आश्रम, शिवपुरी
अपना घर आश्रम सदा ही प्रभुजियों की सेवा के लिए समर्पित है और इस आश्रम की सेवा में यदि कोई आकर जुडऩा चाहता है तो हमे ऐसे सभी सेवाभावियेंा का स्वागत करते है, श्रीगणेश भाग्यवन्त भी ऐसे ही सेवाभावी है जो महाराष्ट्र में अपने संपन्न परिवार को छोड़कर प्रभुजी सेवा करने यहां आए तो हम भी उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान कर रहे है।
गौरव जैन
प्रभुजी सेवादार, अपना घर आश्रम, शिवपुरी
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