अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आदिवासी गांव हाथीगड़ा में जागरूकता कार्यक्रम आयोजितशिवपुरी। देश के विकास के लिए अधिक से अधिक नागरिकों को साक्षर होना आवश्यक है। साक्षरता उन्नति और विकास का कारक बन सकती है। पढऩे-लिखने में सक्षम व्यक्ति साक्षर है। जिसे क, ख, ग का ज्ञान, भाषा की मर्यादा और सही व गलत में फर्क समझ आता है, वह साक्षर है। साक्षरता विकास के साथ ही समाज में सम्मान दिलाता है। ये कहना था सामाजिक कार्यकर्ता श्रृद्धा जादौन शक्ति शाली महिला संगठन एवम ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से ग्राम हाथीगढ़ा में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में लोगों को साक्षरता के महत्व और लाभ के प्रति जागरूक करने और शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है।
यहां शक्तिशाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल कहा कि साक्षरता दिवस एक वैश्विक स्तर पर मनाया जाने वाला दिन है, जिसे हर साल सितंबर महीने में मनाते हैं। इस मौके पर समाज में शिक्षा का प्रचार प्रसार किया जाता है। भारत में भी साक्षरता का स्तर बढ़ाने के लिए इस दिन को विशेष अभियान के रूप में मनाते हैं। भारत सरकार साक्षरता के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान का संचालन करती है, जिसके जरिए सभी भारतीयों को पढ़ाई की ओर अग्रसर किया जाता है। इस दिन आदिवासी समुदाय की निरन्तर स्कूल के प्रति जागरूकता लाने वाली किशोरी बालिकाएं - सालिनी दोहरे, प्रतीक्षा दोहरे, रजनी आदिवासी को एक उपहार एवम पौधे देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कार्यकर्ता - श्रीमती उमा शर्मा, आशा श्रीमती सपना दोहरे, सहायका श्रीमती आशा दोहरे विशेष रूप से उपस्थित थी।
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