शिवपुरी- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेश अनुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता के निर्देशानुसार विशेष न्यायाधीश अजय कुमार सिंह ने सर्किल जेल शिवपुरी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री सिंह ने सर्किल जेल की प्रत्येक बैरिक में जाकर बिचाराधीन एवं दंडित बंदियों से उनके प्रकरण के संबंध में जैसे विचारण की स्टेज, जमानत आवेदन तथा जमानत आवेदन होने के उपरांत भी जमानत न दे पाने की परिस्थितियों, अपील एवं नि:शुल्क विधिक सहायता के साथ-साथ जेल प्रशासन द्वारा दी जाने वाली भोजन, पानी, स्वास्थ्य, मुलाकात, मनोरंजन एवं एचआईवी अथवा गर्भवती महिला एवं बच्चों को दिए जाने वाले विशेष पोषण आहार आदि के संबंध में चर्चा की।निरीक्षण उपरांत श्री सिंह ने सर्किल जेल के सभाग्रह में उपस्थित बंदियों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 265 ए में उपबंधित अभिवाक सौदेबाजी (प्लीबारगेनिंग प्रक्रिया) के संबंध में कहा कि ऐसे मामले जो की महिला या 14 वर्ष से कम उम्र के बालक के विरुद्ध हैं एवं मृत्युदंड अथवा आजीवन कारावास या 7 वर्ष से अधिक के कारावास से दंडित अपराधों एवं ऐसे अपराध जिससे देश की सामाजिक, आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है ऐसे समस्त अपराधों को छोड़कर अन्य समस्त मामलों में प्लीबारगेनिंग की प्रक्रिया अपनाकर प्रकरणों का निराकरण कराया जा सकता है। प्ली बारगेनिंग की प्रक्रिया भी मामलों के शीघ्र व सस्ते तरीके से निराकरण करने की प्रक्रिया है। जिसका समस्त पात्र बंदी लाभ ले सकते हैं। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ.वीरेंद्र कुमार च?ार ने जेल क्लिनिक, जेल लोक अदालत, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की जानकारी दी। इस अवसर पर जेल अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य, जेल उपाधीक्षक दिलीप सिंह उपस्थित रहे।
शिवपुरी- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेश अनुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता के निर्देशानुसार विशेष न्यायाधीश अजय कुमार सिंह ने सर्किल जेल शिवपुरी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री सिंह ने सर्किल जेल की प्रत्येक बैरिक में जाकर बिचाराधीन एवं दंडित बंदियों से उनके प्रकरण के संबंध में जैसे विचारण की स्टेज, जमानत आवेदन तथा जमानत आवेदन होने के उपरांत भी जमानत न दे पाने की परिस्थितियों, अपील एवं नि:शुल्क विधिक सहायता के साथ-साथ जेल प्रशासन द्वारा दी जाने वाली भोजन, पानी, स्वास्थ्य, मुलाकात, मनोरंजन एवं एचआईवी अथवा गर्भवती महिला एवं बच्चों को दिए जाने वाले विशेष पोषण आहार आदि के संबंध में चर्चा की।निरीक्षण उपरांत श्री सिंह ने सर्किल जेल के सभाग्रह में उपस्थित बंदियों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 265 ए में उपबंधित अभिवाक सौदेबाजी (प्लीबारगेनिंग प्रक्रिया) के संबंध में कहा कि ऐसे मामले जो की महिला या 14 वर्ष से कम उम्र के बालक के विरुद्ध हैं एवं मृत्युदंड अथवा आजीवन कारावास या 7 वर्ष से अधिक के कारावास से दंडित अपराधों एवं ऐसे अपराध जिससे देश की सामाजिक, आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है ऐसे समस्त अपराधों को छोड़कर अन्य समस्त मामलों में प्लीबारगेनिंग की प्रक्रिया अपनाकर प्रकरणों का निराकरण कराया जा सकता है। प्ली बारगेनिंग की प्रक्रिया भी मामलों के शीघ्र व सस्ते तरीके से निराकरण करने की प्रक्रिया है। जिसका समस्त पात्र बंदी लाभ ले सकते हैं। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ.वीरेंद्र कुमार च?ार ने जेल क्लिनिक, जेल लोक अदालत, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की जानकारी दी। इस अवसर पर जेल अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य, जेल उपाधीक्षक दिलीप सिंह उपस्थित रहे।
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