राजेश्वरी मंदिर पर आयोजित कथा में बताया मोक्ष प्रदान करती है श्रीकृष्ण की भक्तिशिवपुरी- शहर के प्रसिद्ध मंदिर मां राजेश्वरी के दरबार में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कृष्ण जन्म उत्सव मनाया गया एवं जन्माष्टमी का महोत्सव भी धूमधाम से सभी ने मनाया। कथा के प्रसंग में आचार्य बृजभूषण महाराज ने बताया कि जन्माष्टमी का व्रत एक करोड़ व्रत करने के बराबर पुण्य फल प्रदान करता है, इसलिए मनुष्य को जन्माष्टमी का व्रत अवश्य करना चाहिए एवं भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण साधु संतों की रक्षा करने के लिए एवं पापियों का नाश करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे एवं पृथ्वी का भार उतार करके अपने धरा धाम को गए थे।
आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में कहा कि भगवान श्री कृष्ण पूर्ण अवतार कहे गए हैं, संपूर्ण कलाओं से भगवान श्रीकृष्ण का अवतार होता है एवं जन-जन में धर्म की स्थापना करने के लिए भगवान आते हैं। आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में सुंदर रामकथा का वर्णन भी सुनाया और उन्होंने बताया कि भगवान राम एवं कृष्ण में कोई भेद नहीं है सिर्फ एक भेद है कि भगवान श्रीराम गंभीर हैं एवं श्रीकृष्ण का जो चरित्र है, वह चंचल प्रवृत्ति का शास्त्रों ने बताया है। आचार्य जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति मनुष्य के लिए मोक्ष प्रदान करने वाली है इसलिए मनुष्य को भगवान श्री कृष्ण के अलावा अन्य देवों की उपासना करना ही नहीं चाहिए, क्योंकि श्रीकृष्ण ही समस्त ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाले हैं।
आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में वामन चरित्र नरसिंह अवतार प्रहलाद चरित्र आदि कथाओं को वर्णन सुनाया। कथा के अंत में श्रीकृष्ण जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया गया एवं सैकड़ो की संख्या में भक्तजन कथा सुनने के लिए पधार रहे हैं। ज्ञात हो कि इस कथा का आयोजन राज राजेश्वरी मित्र मंडल द्वारा आयोजित किया जा रहा है एवं इस कथा का आयोजन 4 सितंबर से 10 सितंबर तक रखा गया है कथा का समय 2:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक है।
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