परिणय वाटिका में कांसल परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में उत्साह से मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सवशिवपुरी- यही जीवन क्षण भंगुर है लेकिन इस छोटे जीवन को भी सार्थक बनाया जा सकता है यदि ईश्वरीय भक्ति हृदय की भावना से हो, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म ही मनुष्य को मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करने के लिए हुआ जिन्होंने सदैव भक्तों का कल्याण किया और पापियों का विनाश किया, इसलिए भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर पर संकल्प लें कि हमें जीवन में सद्मार्ग चुनना है जहां ना काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि ना हो और इससे दूर रहकर ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है। मनुष्य जीवन को मोक्ष और सद्मार्ग का यह मार्ग प्रशस्त किया श्रीमद् भागवत कथा का व्यासपीठ से वाचन करते हुए बृजभक्त आचार्य श्री गोपालकृष्ण जी महाराज ने जो स्थानीय परिणय वाटिका परिसर में कांसल परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कथा का वृतान्त श्रवण करा रहे थे।
इस अवसर पर कथा के यजमान रामजीलाल, मोहनलाल, राजमल गुप्ता(राज पैलेस), कपिल कुमार गुप्ता (लुकवासा वाले)कांसल परिजनों के द्वारा सर्वप्रथम श्रीमद् भागवत कथा का वाचन किया गया तत्पश्चात आचार्यश्री का पूजन करते हुए श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कथा पाण्डाल स्थल को आकर्षक गुब्बारों, फूलमाला और ना-ना प्रकार की सजावट से सजाया गया जहां अबोध बालक को श्रीकृष्ण के रूप में उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच लाकर दर्शन लाभ दिलाया गया और सभी ने अपने हाथों से स्पर्श करते हुए श्रीकृष्ण रूपी बालक से पैर छूकर आर्शीवाद प्राप्त किया।
इस दौरान श्रद्धालुओं में मावा-मिश्री, मिष्ठान आदि का प्रसाद के रूप में वितरण किया गया साथ ही नाचते-गाते हुए प्रभु भक्ति की गई। कांसल परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा 4 से 11 सितम्बर तक स्थानीय परिणय वाटिका में आयोजित की गई है जिसमें ना केवल शिवपुरी अंचल बल्कि जिले भर और दूर-दराज से सगे संबंधि परिजनों के साथ कथा में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
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