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Thursday, September 21, 2023

चैक बाउंस मामले में आरोपी को 3 माह का सश्रम कारावास व 1 लाख 31 हजार 370 रूपये का लगा प्रतिकर


शिवपुरी-
अपने व्यक्तिगत कारणों से उधार लिए गए ऋण अदा ना करने के मामले में आरोपी को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट जितेन्द्र मेहर जिला शिवपुरी के द्वारा आरोपी को 3 माह का साधारण कारावास एवं 1 लाख 31 हजार 370 रूपये का प्रतिकर लगाया है साथ ही प्रतिकर अदा ना करने पर तीन माह का साधारण कारावास पृथक से भुगतान किए जाने का निर्णय पारित किया। इस मामले में परिवादी की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा पैरवी की गई।

अभियोजन के अनुसार परिवादी रावत एण्ड ब्रदर्स प्रो. विक्रम सिंह रावत निवासी फायर बिग्रेड के सामने वायपास रोड़ एवं आरोपी देवेन्द्र सिंह पुत्र कोक सिंह ठाकुर निवासी ग्राम उकायला तहसील करैरा जिला शिवपुरी आपस में परिचित थे। इसी दौरान अभियुक्त देवेन्द्र सिंह ठाकुर ने परिवादी विक्रम रावत के प्रतिष्ठान रावत एण्ड ब्रदर्स से अपनी कंपनी के डम्फर हेतु 87 हजार रूपये के दिनांक 13.05.2017 को टायर क्रय किए थे। उक्त क्रय किए गए टायर के भुगतान के एवज में अभियुक्त देवेन्द्र सिंह ने परिवादी विक्रम सिंह रावत को एक्सिस बैंक लिमिटेड शिवपुरी का 87 हजार रूपये का चैक प्रदत्त किया था और अभियुक्त ने कहा था कि नियत दिनांक को चैक अपने खाते में जमा कर दोगे, तो निश्चित रूप से भुगतान प्राप्त हो जाएगा। 

परिवादी विक्रम सिंह रावत के द्वारा जब उक्त राशि को प्राप्त करने के लिए अपने बैंक खाते में जमा किया तो वह चैक अपर्याप्त राशि के कारण बाउंस हो गया। इसकी सूचना परिवादी रावत एण्ड ब्रदर्स प्रो. विक्रम सिंह रावत के द्वारा अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से उक्त चैक राशि की मांग प्राप्त करने हेतु अभियुक्त देवेन्द्र सिंह को नोटिस भेजा किन्तु नोटिस भेजने के बाद भी जब अभियुक्त देवेन्द्र सिंह ठाकुर ने राशि नहीं दी तब उक्त राशि प्राप्त करने के लिए धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत परिवाद पत्र अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया। 

माननीय न्यायालय के द्वारा प्रकरण में आई साक्ष्य के आधार पर आरोपी देवेन्द्र सिंह ठाकुर को दोषी पाते हुए धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के तहत 3 माह का सश्रम कारावास एवं 1 लाख 31 हजार 370 रूपये धनराशि को प्रतिकर के रूप में परिवादी को अदा करने से दण्डित किया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।

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