सागर । नाबालिग बालिका के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी प्रहलाद अहिरवार को अपर सत्र न्यायाधीष, बण्डा जिला-सागर श्री आर. पी. मिश्र की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-366/34 के तहत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा-376 (दो)(आई) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1500/-रू अर्थदण्ड, धारा-376 (दो)(एन) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1500/-रू अर्थदण्ड तथा धारा- 506 भाग-2 के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन मंे सहा.जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री ताहिर खान ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनॉक-17.10.2016 को बालिका/पीड़िता के पिता ने इस आषय की रिपोर्ट थाना बण्डा में लेख कराई कि दिनांक-15.10.2016 को बालिका/पीड़िता सुबह 07 बजे, स्कूल पढ़ने के लिये गयी थी। बालिका/पीड़िता का पिता अपने गांव किसी काम से गया था। घर पर बालिका/पीड़िता की मां एवं उसकी बहन थी, जब बालिका/पीड़िता स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर पर नहीं आयी तो बालिका/पीड़िता की मां ने उसकेे पिता को खबर भिजवाई कि बालिका स्कूल से वापिस नहीं आयी है। तब बालिका/पीड़िता के पिता ने, उसी दिन बालिका की खोज मोहल्ले एवं रिश्तेदारियों में की। किन्तु उसका कोई पता नहीं चला। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-बण्डा जिला- सागर द्वारा भा.दं.सं. की धारा- 363, 366 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।
पीड़िता ने न्यायालय के समक्ष बताया कि जब वह सुबह 07ः00 बजे वह स्कूल जा रही थी, तो रास्ते में अभियुक्त प्रहलाद मिला जिसने धमकी दी कि वह उसके साथ चले, नहीं तो उसे एवं उसके पिता को जान से मार देंगे। प्रहलाद ने उसे कुछ सुंघा दिया था, जिससे वह बेहोशी सी हो गयी थी। उसे कुछ याद नहीं रहा था। उसे दिल्ली में होश आया था। अभियुक्त प्रहलाद कह रहा था कि शांत रहो, नहीं तो जान से मार देंगे या किसी को बेंच देंगे। अभियुक्त प्रहलाद उसके साथ जबरदस्ती बलात्संग करता था। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत अपर सत्र न्यायाधीष, बण्डा जिला-सागर श्री आर.पी. मिश्र की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
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