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Wednesday, September 27, 2023

सागर / बालिका के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड


सागर ।
बालिका के साथ छेड़छाड़ करने वाले अभियुक्त चैन सिंह लोधी को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा- 354 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-342 के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, तथा पाक्सो एक्ट की धारा-9(एम)/10 के तहत  05 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड,  तथा एस.सी/एस.टी एक्ट की धारा-3(1)(डब्ल्यू)(आई) व धारा- 3(2)(व्ही-ए) के तहत पॉच-पॉच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।  मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता के पिता ने दिनांक 04.07.2018 को थाना जैसीनगर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 03.07.2018 के रात करीब 8.00 बजे वह उसके घर पर खाना खा रहा था व उसकी पुत्री/पीड़िता दूसरे कमरे में खाना लेने गई थी जो करीब 15-20 मिनट तक खाना लेकर लौटकर वापस नहीं आई तो उसकी पत्नि, उसकी मॉ के पास देखने गई तो उसे बालिका नहीं मिली। फिर वह, उसकी पत्नि तथा बहन के साथ बालिका को खोजते-खोजते अभियुक्त चैन सींग लोधी के भाई की कुटी पर पहुंचे तो अभियुक्त चैन  सींग उसकी कुटी का पर्दा लगाये बालिका/पीड़िता को कुटी के अंदर रोक कर बुरी नियत से  बालिका का हाथ पकड़कर उसके साथ छेडछाड़ कर रहा था। हम लोगों को देखकर अभियुक्त, पीड़िता/बालिका को छोड़कर भाग गया और जाते समय उसने किसी को घटना के बारे में बताने या रिपोर्ट करने पर जान से मारकर फेंक देने की धमकी दी।  

उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-जैसीनगर द्वारा धारा-342, 354, 354क, 506 भा.दं.सं., एस.सी/एस.टी एक्ट की धारा- 3(2)(व्ही-ए) तथा धारा-7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।


शादी का झांसा देकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 वर्ष  सश्रम कारावास एवं आठ हजार रूपये अर्थदण्ड
सागर । शादी का झांसा देकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त नीलेष कुर्मी को द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) देवरी जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-  366क के तहत 02 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड, तथा पॉक्सों एक्ट की धारा-5(जे) सहपठित धारा-6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास  एवं आठ हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया। न्यायालय द्वारा बालिका के पुर्नवास के लिये उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर 1,00,000/- (एक लाख रूपये) दिये जाने का आदेश दिया गया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती वंृदा चौहान ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता/बालिका की मॉ ने थाना देवरी में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि  दिनांक 29 जुलाई 2017 को वह एवं पीड़िता/बालिका रात में खाना खाकर सो गये थे दूसरे दिन सुबह पीड़िता/बालिका का कोई पता नहीं चला, कोई अज्ञात व्यक्ति बालिका को बहला-फुसलाकर ले गया है। दिनॉक 10.12.2018 को पीड़िता/बालिका के दस्याब होने पर उसने बताया कि अभियुक्त नीलेष कुर्मी उसे शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया और उसके साथ अभियुक्त द्वारा बार-बार बलात्संग किया गया जिससे वह गर्भवती हो गई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, 

घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-देवरी द्वारा धारा-363,366क, 376 (2)(एन) भा.दं.सं. , धारा-5 (जे) सहपठित धारा-6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट), देवरी जिला-सागर की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।

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