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Sunday, September 17, 2023

सागर / तेजगति एवं लापरवाहीपुर्वक वाहन चलाकर मृत्यु कारित करने वाले आरोपी को 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड


सागर
। तेजगति एवं लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाकर मृत्यु कारित करने वाले आरोपी सुनील पिता रामसेवक कुशवाह थाना-खिमलासा को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, खुरई जिला-सागर, सुश्री आरती आर्य की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. धारा 279, के अंतर्गत 500/-रूपये के अर्थदण्ड , धारा 338 भा0दं0सं0 में छः माह के सश्रम कारावास एवं 500/-रूपये के अर्थदंड से एवं धारा 304ए भा.दं.सं. के अंतर्गत एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500/-रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।  मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहा.जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री अनिल अहिरवार ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना खिमलासा में अस्पताल बीना से मेमो प्राप्त होने पर धारा 174 दं.प्र.सं. के तहत मर्ग कायम किया गया, मर्ग जांच में पाया गया कि दिनांक 23.04.2015 को सुनील कुशवाहा, निवासी मनोरमा वार्ड का अपनी मोटर साइकिल डिस्कवर नं. एमपी-15 एमपी-4247 को चलाकर ललितपुर से फरकना तिराहा खिमलासा पर आया, जहां सुनील कुशवाहा ने मोटर साइकिल को तेज रफ्तार व लापरवाही पूर्वक रोड़ के बीच में बने डिवाइडर से टकरा दी, जिससे मोटर साइकिल पर पीछे बैठे अजय व ललित को सिर में काफी चोटें आई। ललित की सी.एच.सी. बीना में मृत्यु होने पर मेमो प्राप्त हुआ। 

उक्त मर्ग जांच के आधार पर थाना खिमलासा में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई।  उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-खिमलासा द्वारा भा.दं.सं. की धारा- 279, 337, 304ए का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। 

अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया ।  जहॉ विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, खुरई जिला-सागर आरती आर्य की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

बालिका के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर ।बालिका के साथ छेड़छाड़ करने वाले अभियुक्त मोहन यादव को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा- 354 के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, तथा एस.सी/एस.टी एक्ट की धारा-3(1)(डब्ल्यू)(आई) व धारा- 3(2)(व्ही-ए) (धारा-354 भादस. के लिये दिये) के तहत तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रूपये अर्थदण्ड, की सजा से दंडित किया है।  न्यायालय द्वारा मामले पर टिप्पड़ी की गई कि उक्त आपराधिक कृत्य से न केवल शारीरिक रूप से बालिका को क्षति कारित की गयी बल्कि उसके सम्मान और गरिमा को क्षति कारित कर उसके मन मस्तिष्क पर गहरा आधात पहुॅचाया गया बल्कि इस अपराध का प्रभाव संपूर्ण समाज पर पड़ता है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता/बालिका के पिता ने थाना छानबीला में दिनॉक 03.12.2020 को इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक 02.12.2020 को करीब 6ः00बजे शाम को उसकी लड़़की/पीड़िता शौच के लिये गयी थी, करीब आधा घंटा बाद शाम को जब बालिका/पीड़िता रोते हुये घर आई तो उसने व उसकी पत्नी ने उससे रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि अभियुक्त मोहन यादव बुरी नियत से उसका बॉया हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच रहा था  और उसके साथ छेड़छाड करने लगा फिर बालिका /पीड़िता हाथ छुड़ाकर भागी तथा पास में खड़ा एक व्यक्ति जब अभियुक्त मोहन यादव को पकड़ने दौड़ा तो वह भाग गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, 

घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-छानबीला द्वारा धारा-354 भा.दं.सं., एस.सी/एस.टी एक्ट की धारा-3(1)(डब्ल्यू)(आई) व 3(2)(व्ही-ए) तथा धारा-7/8 लैंगिकअपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।

गॉली-गलौच कर कुल्हाड़ी एवं लाठी से मारपीट करने वाले आरोपीगण को 06-06 माह का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । गॉली गलौच कर कुल्हाड़ी एवं लाठी से मारपीट करने वाले आरोपीगण अनंद सिंह एवं साहब सिंह को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, बण्डा जिला-सागर श्रीमती ज्योत्सना तोमर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-323/34 के तहत 03-03 माह का सश्रम कारावास एवं दो-दो सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा-324/34 के तहत 06-06 माह का सश्रम कारावास एवं तीन-तीन सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहा.जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री ताहिर खान ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 24.05.2016 को सूचनाकर्ता देवीसिंह लोधी नेे थाना बंडा में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई है कि वह ग्राम खिरिया मे रहता है, खेती किसानी का काम करता है। दिनांक 24.05.2016 की रात्रि करीब 8ः30 बजे की बात है, वह निर्माणाधीन जानकी रमणमंदिर के पास बने सार्वजनिक चबूतरे पर बैठा था तभी गांव के अभियुक्त अनंद सिंह एवं साहब सिंह लोधी आये और उसके पैसों के लेन देन की पुरानी बुराई पर से मां-बहिन की गंदी गंदी गालियां देने लगे। उसने गालियां देने से मना किया तो अभियुक्त अनंद सिंह ने हाथ मे लिये कुल्हाड़ी उसे मारी जो उसे बांये हाथ की कुहनी मे लगी जिससे कटकर खून निकला, दूसरी बार पुनः कुल्हाड़ी मारी जिसे बचाने मे उसे दाहिनी भुजा के पास लगी कट कर खून निकल आया।वह जमीन मे गिर गया तो अभियुक्त साहब ने हाथ मे लिये लाठी उसे पीठ मे मारी जिससे मुंदी चोट आई। वह चिल्लाया तो उसका लड़का अपरबल आ गया,उसने बीच बचाव किया तो अभियुक्त साहबसिंह ने उसे भी लाठी से मारपीट की, इतने मे मौके पर गांव के अमरसिंह व पुष्पेन्द्र सिंह आ गये उन्होने आकर बीच-बचाव किया, घटना देखी सुनी। 

अभियुक्त अनंद सिंह और साहब जाते जाते कह रहे थेकि आज तो बच गया अबकि बार जान से खत्म करे देंगे फिर उसके लड़के अपरबल ने 100 नंबर को फोन लगाकर बुलाया। पुलिस आयी उसके बाद अपने लड़के अपरबल के साथ जाकर रिपोर्ट की। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-बण्डा जिला- सागर द्वारा भा.दं.सं. की धारा- 294, 323/34,324/34, 506 भाग- दो का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया ।  जहॉ विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, बण्डा जिला-सागर श्रीमती ज्योत्सना तोमर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

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