पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिछोर आगमन पर जिला बनाए जाने की रखी मांगशिवुपरी/पिछोर- मुझे मेरे हित नहीं बल्कि जनता के हितों की चिंता है और इसके लिए यदि पिछोर जिला घोषित हो जाए तो इससे बड़ी और बात मेरे लिए क्या होगी, हालांकि वर्ष 2018 से पिछोर को जिला घोषित करने के लिए मेरे द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है, एक समय जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे और मप्र में कांग्रेस की सरकार भी थी तब भी हमारे द्वारा प्रयास किए गए हालांकि ऐन-केन प्रकारेण यह प्रयास सफल नहीं हो पाया बाबजूद इसके लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा की 7 विधानसभाओं में हार का सामना करना पड़ा
लेकिन पिछोर विधानसभा ही एक मात्र ऐसी विधानसभा रही जिसमें उन्हें विजयश्री मिली, इसके बाद भी पिछोर को जिला बनाने के लिए हमारे द्वारा पत्र व्यवहार लगातार किया गया और अब जब मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री के रूप में ज्योतिरादित्रू सिंधिया एक बार फिर पिछोर की धरा पर आ रहे है तब हमारी अपेक्षा है कि विधानसभा चुनाव भी नजदीक है इसलिए पिछोर विधानसभा को जिले के रूप में घोषित की जाए तो इसके लिए मुझे मेरे हितों की भी परवाह नहीं है, आवश्यकता है क्षेत्र के जनता की पुरजोर मांग पिछोर को जिला बनाने की,
मुझे आशा है कि हमारे इस प्रयास को कल होने वाली आमसभा में पिछोर को यह सौगात मिले। यह कहना है पिछोर विधायक एवं पूर्व मंत्री के पी सिंह कक्काजू का जो स्थानीय पिछोर रेस्ट हाउस में आयोजित प्रेसवार्ता में पिछोर को जिला बनाने की मांग के संदर्भ में अपनी बात रख रहे थे। इसके साथ ही केपी सिंह ने यह भी कहा कि यदि भविष्य में मप्र में कांग्रेस की सरकार बनती है तो हम अपनी सरकार के माध्यम से तो यह कार्य करा ही लेंगें लेकिन वर्तमान की सरकार से भी यही अपेक्षा है कि हमारी इस लंबित मांगो पर विचार कर घोषणा पूरी की जावे।
पूर्व मंत्री के द्वारा लगातार पत्र लिखकर सरकार से की जा रही मांग
पूर्ब मंत्री एवं पिछोर बिधानसभा के बिधायक केपी सिंह कक्काजू ने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पिछोर/खनियाधाना को जिला बनाने की मांग वर्ष 2018 से की जा रही है और लगातार पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से यह मांग कर चुके हैं, अभी हाल ही में 19/08/2023 भी मुख्यमंत्री को लिखे पत्र की मीडिया को जानकारी देते हुये कक्काजू ने बताया कि उनकी बिधानसभा की पिछोर-खनियाधाना शिवपुरी जिला मुख्यालय की सबसे दूरस्थ की तहसीलें हैं
पूर्व मंत्री के द्वारा लगातार पत्र लिखकर सरकार से की जा रही मांग
पूर्ब मंत्री एवं पिछोर बिधानसभा के बिधायक केपी सिंह कक्काजू ने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पिछोर/खनियाधाना को जिला बनाने की मांग वर्ष 2018 से की जा रही है और लगातार पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से यह मांग कर चुके हैं, अभी हाल ही में 19/08/2023 भी मुख्यमंत्री को लिखे पत्र की मीडिया को जानकारी देते हुये कक्काजू ने बताया कि उनकी बिधानसभा की पिछोर-खनियाधाना शिवपुरी जिला मुख्यालय की सबसे दूरस्थ की तहसीलें हैं
यहां के लोगों को जिला मुख्यालय जाना काफी कष्टकारक होता है कई बार साधनहीन व्यक्ति को शिवपुरी रूकना भी पड़ता है और कई लोगों पर रूकने की उचित व्यवस्था भी नहीं हो पाती है जिस के कारण उन्हें कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, अपने पत्र में उन्होने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि 21 अगस्त को मप्र की सरकार के मुखिया पिछोर के छत्रसाल स्टेडियम में पधार रहे हैं, क्षेत्र के लोगों की सुबिधा की दृष्टि से आप इस सभा में पिछोर/खनियाधाना को जिला बनाने हेतु घोषणा करने का कष्ट करें।
लोकसभा चुनावों में 7 विधानसभाओं में हारने के बाद पिछोर से विजयी हुए थे केन्द्रीय मंत्री सिंधिया
केपी सिंह कक्काजू ने बताया कि वह केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पत्र लिखकर अवगत करा चुके है और वर्ष 2018 के बिधानसभा चुनाव की आखिरी आमसभा में भी मैने आपसे पिछोर/खनियाधाना को यहां के लोगों को परेशानी से राहत के लिये जिला बनाने का आग्रह किया था, 2019 के लोकसभा चुनाब में स्वयं केन्द्रीय मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया एक मात्र पिछोर बिधानसभा से विजयी हुये थे और मैं मीडिया के माध्यम से मांग करता है कि इन हालातों में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह पिछोर को जिला घोषित कराने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें।
सरकार की मनमानी पर जताया रोष
पूर्व मंत्री केपी सिंह कक्काजू ने नाराजगी व्यक्त की कि अब मप्र की सरकार के द्वारा एक नई परंपरा शुरू की गई है जिसमें स्थानीय विधायक को शासकीय कार्यक्रमों से दरकिनार किया जा रहा है जो कि ठीक नहीं है, हम इस तरह की परंपरा का विरोध करते है, यही वजह है कि मुझे अपनी बात रखने के लिए मीडिया का सहारा लेना पड़ा और जनहित में इस तरह के मुद्दों को सामने के लिए उसका प्रचार-प्रसार और जानकारी सभी को हो, ऐसा बताना भी आवश्यकत है।
लोकसभा चुनावों में 7 विधानसभाओं में हारने के बाद पिछोर से विजयी हुए थे केन्द्रीय मंत्री सिंधिया
केपी सिंह कक्काजू ने बताया कि वह केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पत्र लिखकर अवगत करा चुके है और वर्ष 2018 के बिधानसभा चुनाव की आखिरी आमसभा में भी मैने आपसे पिछोर/खनियाधाना को यहां के लोगों को परेशानी से राहत के लिये जिला बनाने का आग्रह किया था, 2019 के लोकसभा चुनाब में स्वयं केन्द्रीय मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया एक मात्र पिछोर बिधानसभा से विजयी हुये थे और मैं मीडिया के माध्यम से मांग करता है कि इन हालातों में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह पिछोर को जिला घोषित कराने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें।
आशा करता हूं पिछोर बिधानसभा के प्रति आपकी भाबना अलग ही होगी और 21 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ पिछोर पधार रहे हैं, इसलिये आग्रह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा इस सभा में पिछोर को जिला बनाये जाने हेतु घोषणा कराने का कष्ट करें। इससे पूर्ब फरवरी 2019 में कक्काजू तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी पत्र लिखकर पिछोर/खनियाधाना को जिला बनाने की मांग कर चुके हैं।
सरकार की मनमानी पर जताया रोष
पूर्व मंत्री केपी सिंह कक्काजू ने नाराजगी व्यक्त की कि अब मप्र की सरकार के द्वारा एक नई परंपरा शुरू की गई है जिसमें स्थानीय विधायक को शासकीय कार्यक्रमों से दरकिनार किया जा रहा है जो कि ठीक नहीं है, हम इस तरह की परंपरा का विरोध करते है, यही वजह है कि मुझे अपनी बात रखने के लिए मीडिया का सहारा लेना पड़ा और जनहित में इस तरह के मुद्दों को सामने के लिए उसका प्रचार-प्रसार और जानकारी सभी को हो, ऐसा बताना भी आवश्यकत है।
पूर्व मंत्री केपी सिंह का इशारा मप्र सरकार की मनमानी की ओर है हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि पिछोर विधानसभा को जिला घोषित किया जाता है और भाजपा सरकार का इसका श्रेय भी लेती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं, क्योंकि उनके हित की नहीं बल्कि जनता के हित की मांग सर्वोपरि है और वह इस घोषणा से भी संतुष्ट होंगें, ऐसा विश्वास जताया।
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