शिवपुरी। महिलाओ को कानूनी तौर पर पुरुषों के समान ही अधिकार मिले हैं, लेकिन समाज में उनकी स्थिति को लेकर असमानता है। लोगों के मन में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए दोहरी मानसिकता होती है।समाज में आज भी महिलाओं को पुरुषों के बराबर के अधिक नहीं मिलते हैं। हालांकि दुनियाभर में महिलाओं को समान अधिकार और स्थान दिलाए जाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। देश में लैंगिक समानता लाने का प्रयास करते हुए हाल ही में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने चार महिला सदस्यों (50 फीसदी) को उपाध्यक्षों के पैनम में नामित किया।
अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने कहा की महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाने और समाज में उनकी स्थिति मजबूत बनाने के उद्देश्य से हर साल 26 अगस्त को महिला समानता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत तब हुई जब एक देश में महिलाओं को मतदान का अधिकार तक नहीं था। इसी तारतम्य में शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा ग्राम हातोद में एक सेकड़ा महिलाओ एवम किशीरियो के साथ महिला समानता पर जागरूकता कार्यक्रम रखा इसके साथ हर महिला को अपने अधिकारों की लड़ाई एवम रक्षा करने के लिए एक एक पौधा उपहार स्वरूप भेंट किया।
सामाजिक कार्यकर्ता ललित एवम राहुल ने कहा की । भारत में महिलाओं को वोट करने का अधिकार ब्रिटिश शासन काल में ही मिल गया था। पहले अमेरिका और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। प्रोग्राम में एक सैकड़ा ग्रामीण महिलाओं के साथ किशोरी बालिकाओं ने प्रमुख रूप से भाग लिया। साथ ही आगनवाड़ी कार्यकर्ता, साहियका, आशा कार्यकर्ता, शक्ति शाली महिला संगठन की पूरी टीम ने प्रमुख रूप से भाग लिया। इसके साथ हर एक महिलाओ को वितरीत सहजन, आंवला, कटहल के पौधे लगाकर महीला समानता का साथ देने को कहा।
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