शिवपुरी। सामाजिक क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहे अखिल भारतीय जानकी सेना संगठन द्वारा इस बार बिलारा गांव के आदिवासी बस्ती में पहुंचकर अपनी आदिवासी बहनों से राखी बनवाकर रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया। ग्राम बीलारा खुर्द की आदिवासी वस्ति के भाई बहन जो जानकी सेना संगठन से जुड़े हुए हैं। जहां संगठन की आदिवासी इकाई के संयोजक अशोक आदिवासी है जिनके द्वारा जानकी सैनिकों द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम की बैठक व्यवस्था की गई थी। 400 से अधिक बहनों ने जानकी सैनिकों को राखी बांधी,सभी बहनों को रक्षा बंधन त्यौहार पर संगठन की ओर से साड़ीयां भेंट की गई और बस्ती के सभी लोगो को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया गया।रक्षाबंधन कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत बताया कि हमारे संगठन की यह परंपरा पिछले कई वर्षों से जारी है आज हमने बिलारा गाँव अपनी बहनों के बीच जाकर रक्षाबंधन का त्योहार बनाया है हमारे स्वागत में गांव में ढोल नगाड़े बजाकर हमारा बहनों द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया हमारे द्वारा भी बहनों के सम्मान में कोई कमी नहीं की गई, पूरे गांव भर में आज उत्सव जैसा माहौल रहा चारों ओर आनंद ही आनंद दिखाई दिया और हमारी माता जानकी से विनय है कि हम अपनी बहनों के चेहरों पर ऐसे ही जिंदगी भर मुस्कान बिखेरते रहें।
शिवपुरी। सामाजिक क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहे अखिल भारतीय जानकी सेना संगठन द्वारा इस बार बिलारा गांव के आदिवासी बस्ती में पहुंचकर अपनी आदिवासी बहनों से राखी बनवाकर रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया। ग्राम बीलारा खुर्द की आदिवासी वस्ति के भाई बहन जो जानकी सेना संगठन से जुड़े हुए हैं। जहां संगठन की आदिवासी इकाई के संयोजक अशोक आदिवासी है जिनके द्वारा जानकी सैनिकों द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम की बैठक व्यवस्था की गई थी। 400 से अधिक बहनों ने जानकी सैनिकों को राखी बांधी,सभी बहनों को रक्षा बंधन त्यौहार पर संगठन की ओर से साड़ीयां भेंट की गई और बस्ती के सभी लोगो को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया गया।रक्षाबंधन कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत बताया कि हमारे संगठन की यह परंपरा पिछले कई वर्षों से जारी है आज हमने बिलारा गाँव अपनी बहनों के बीच जाकर रक्षाबंधन का त्योहार बनाया है हमारे स्वागत में गांव में ढोल नगाड़े बजाकर हमारा बहनों द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया हमारे द्वारा भी बहनों के सम्मान में कोई कमी नहीं की गई, पूरे गांव भर में आज उत्सव जैसा माहौल रहा चारों ओर आनंद ही आनंद दिखाई दिया और हमारी माता जानकी से विनय है कि हम अपनी बहनों के चेहरों पर ऐसे ही जिंदगी भर मुस्कान बिखेरते रहें।
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