शिवपुरी-राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर आदेशानुसार गतदिवस को सर्किल जेल शिवपुरी में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता की अध्यक्षता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधान जिला न्यायाधीश ने जेल का निरीक्षण किया प्रत्येक बैरिक में जाकर बंदियों के स्वास्थ्य, भोजन, मनोरंजन, पेयजल एवं विधिक सहायता, अपील, जमानत, पेशी आदि विषयों पर पूछताछ की। तत्पश्चात विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।इस दौरान प्रधान जिला न्यायाधीश ने बताया कि भले ही बंदी जेल में हो लेकिन उनके मौलिक अधिकार एवं कानूनी अधिकार समाप्त नहीं होते, साथ ही नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त करना एवं अपने केश के संबंध में अद्यतन जानकारी प्राप्त करना प्रत्येक बंदी का हक है। जेल में रहने के दौरान बंदी आत्मचिंतन एवं आत्म अवलोकन कर विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल प्रशासन के सहयोग से दिये जाने वाले प्रशिक्षण जैसे जैकिट की सिलाई या कारपेंट्री का काम अथवा धार्मिक या अन्य पुस्तिकों के अध्ययन के माध्यम से अपने भविष्य का मार्ग निर्धारित कर सकते है। कार्यक्रम उपरांत जेल परिसर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा फलदार पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक रमेशचन्द्र आर्य, जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ.वीरेन्द्र कुमार चढार, जेलर दिलीप सिंह आदि उपस्थित रहे।
शिवपुरी-राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर आदेशानुसार गतदिवस को सर्किल जेल शिवपुरी में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता की अध्यक्षता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधान जिला न्यायाधीश ने जेल का निरीक्षण किया प्रत्येक बैरिक में जाकर बंदियों के स्वास्थ्य, भोजन, मनोरंजन, पेयजल एवं विधिक सहायता, अपील, जमानत, पेशी आदि विषयों पर पूछताछ की। तत्पश्चात विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।इस दौरान प्रधान जिला न्यायाधीश ने बताया कि भले ही बंदी जेल में हो लेकिन उनके मौलिक अधिकार एवं कानूनी अधिकार समाप्त नहीं होते, साथ ही नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त करना एवं अपने केश के संबंध में अद्यतन जानकारी प्राप्त करना प्रत्येक बंदी का हक है। जेल में रहने के दौरान बंदी आत्मचिंतन एवं आत्म अवलोकन कर विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल प्रशासन के सहयोग से दिये जाने वाले प्रशिक्षण जैसे जैकिट की सिलाई या कारपेंट्री का काम अथवा धार्मिक या अन्य पुस्तिकों के अध्ययन के माध्यम से अपने भविष्य का मार्ग निर्धारित कर सकते है। कार्यक्रम उपरांत जेल परिसर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा फलदार पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक रमेशचन्द्र आर्य, जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ.वीरेन्द्र कुमार चढार, जेलर दिलीप सिंह आदि उपस्थित रहे।
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