हैंडपंप का उत्खनन को लेकर मोगिया समाज की महिलाएं बैठी वन विभाग कार्यालय के बाहर धरने
शिवपुरी-कोलारस विधानसभा क्षेत्र विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी के क्षेत्र में बोरिंग खनन को लेकर राजस्व और वन अमला आमने-सामने हो गया है वहीं दूसरी ओर विधायक निधि से हो रहे हैडपंप उत्खनन को लेकर पेयजल समस्या से जूझ रही मोंगिया समाज की महिलाओं के द्वारा अपनी इस समस्या के लिए वन विभाग कार्यालय परिसर में ही धरने पर बैठ गई। यहां इन महिलाओं को कहना है कि वन विभाग उन्हें वन भूमि पर हैंडपंप नहीं खोदने दे रही है, जबकि हम कई सालों से उसी जमीन पर रह रहे हैं। सरकार ने उनके लिए आवास भी बनाकर दिए है। वन विभाग ने उन्हें पीने के पानी की व्यवस्था नहीं करने दे रहा है। ऐसी स्थिति में उन्हें गांव में हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ता है।
मोगिया समाज की महिलाओं का कहना है कि जब तक वन विभाग उन्हें हैंडपंप लगवाने की परमिशन नहीं दे देता, तब तक वह डीएफओ कार्यालय के सामने धरने पर बैठी रहेंगी। इधर, कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने मोगिया समाज की मांग का समर्थन करते हुए वन विभाग पर मनमानी के आरोप लगाए हैं। जब हमें पीएम आवास दिया तो वन विभाग पानी पर आपत्तियों जता रहा! यहां धरने में शामिल महिला मन्नो बाई ने बताया कि मोगिया समाज के कई परिवार धर्मपुरा गांव के पास डेरा बनाकर सालों से रह रहे हैं। हमारे आधार कार्ड भी इसी पंचायत के बने हुए हैं। इसके साथ ही अब तक आवास योजना के तहत 5 मकान भी हमें इसी भूमि पर स्वीकृत हुए थे, जिनमें मोगिया समाज के परिवार रह रहे हैं। इसके अतिरिक्त भूमि पर कुछ और आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत मोगिया समाज के ही लोगों को हुए है। हमारी डेरा पर पंचायत की ओर से हैंड पंप लगाने की अनुमति भी स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन वन विभाग उन्हें हैंड पंप का उत्खनन नहीं करने दे रहा है। जब हमें यहां पीएम आवास दिया गया तो अब वन विभाग आपत्ति क्यों जता रहा।
विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी : सरकार की योजनाओं से लाभ ले रहे धर्मपुरा गांव के लोग, फिर अब वन विभाग रोड़ा क्या बन रहा इस मामले में कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने मोगिया समाज की मांग का समर्थन करते हुए वन विभाग पर मनमानी के आरोप लगाए है। वीरेंद्र रघुवंशी का कहना है कि मोगिया समाज के कई परिवार धर्मपुरा गांव के पास रह रहे हैं। जब वर्षों पहले इन्होंने बसाहट शुरू की थी तब वन विभाग ने इन्हें बसने से नहीं रोका था, लेकिन जब आज कई साल गुजारने के बाद सरकार की योजनाओं का लाभ लेने लगे हैं तो वन विभाग उनके विकास का रोड़ा बनने लगा है। विधायक ने कहा कि मोगिया समाज के यह परिवार साल 2005 से इस क्षेत्र में रह रहे हैं। मध्य प्रदेश की सरकार ऐसे परिवार जो वन भूमि पर साल 2005 से रह रहे हैं, उन्हें उस स्थान पर आवास के लिए पट्टे देने की योजना पर अमल कर रही है। इधर, वन विभाग मोगिया समाज के लोगों को पानी की प्यास बुझाने के लिए खोदे जाने वाले हैंडपंप की राह का रोड़ा बना हुआ है।
इनका कहना है-
मोगिया समाज के लोग वन भूमि पर अवैध रुप से कब्जा कर रहे हैं। पूर्व में उन्हें हटने के कई नोटिस भी जारी किए जा चुके है। इसके बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से वन भूमि पर हैंडपंप लगाने की मांग कर रहे हैं। जब उन्हें वन भूमि पर अतिक्रमण कर हैंडपंप लगाने की परमिशन नहीं दी गई तो वह धरने पर बैठ गए है। उक्त समाज को वन भूमि पर नियम विरुद्ध तरीके से हैंडपंप लगाने की परमिशन वन विभाग नहीं देगा।
शैलेंद्र सिंह तोमर रेंजर,
वन क्षेत्र बदरवास, जिला शिवपुरी
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