श्रीमद् भागवत कथा में बताया धर्म का महत्व
शिवपुरी-मनुष्य कितने भी उपाय कर ले परंतु भगवान के भजन के बिना वह मुक्ति को प्राप्त नहीं कर सकता इसलिए मनुष्य को चाहिए कि नित्य भगवान का भजन कीर्तन करें यह प्रवचन ग्राम रिजौदा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस पर श्री बृजभूषण महाराज ने दिए और बताया कि सुदामा महाराज ने बहुत संकट सहे परंतु कभी भी अपने धर्म का त्याग नहीं किया, इसलिए हमको चाहिए कि कितना भी संकटों का सामना करना पड़े, फिर भी धर्म का त्याग कभी भी नहीं करना चाहिए।
आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में सुंदर चौबीस गुरुओं की कथा का प्रसंग सुनाया और कहा कि जहां से भी शिक्षा मिले, वही से प्राप्त करना चाहिए, मानव जीवन बहुत मुश्किल से मिलता है, इसलिए इसमें भगवान का भजन करना बहुत जरूरी हैं। आचार्य बृजभूषण ने कथा के अंत में सम्पूर्ण भागवत का प्रसंग सुनाया एवं बताया कि भागवत साक्षात भगवान का स्वरूप है, भागवत कोई किताब या पोथी नही हैं जिसके यहां भागवत आ जाती हैं उसके स्वयं भगवान ही आ जातें है। इस कथा का आयोजन रामसिंह केवट द्वारा आयोजित की जा रही है। कथा मैं सैकड़ों भक्तों द्वारा कथा का आनंद लिया जा रहा है।
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