मामला शहर के व्यापारियों को मिले आयकर बकाया नोटिस का, गंगवाल परिवार पर उठे सवालशिवपुरी- शहर के वरिष्ठ अधिवक्त विजय तिवारी के द्वारा लगातार समय-समय पर जन सामान्य के मुद्दों को लेकर ना केवल उठाया जाता है बल्कि उसे परिणाम तक पहुंचाने के लिए भी वह सक्रिय रूप से कार्य करते है। इसी क्रम में शहर में हुए व्यापारियों के साथ करोड़ों के रूपये के टैक्स मामले में बताया गया है कि एड. विजय तिवारी के द्वारा आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियेां को लिखे गए पत्र के अनुसार अब जांच की मांग उठ रही है जिसके चलते इस पूरे घोटाले को लेकर करीब 150 व्यापारियों के 9 करोड़ों रूपये की भरपाई के लिए और मामले में धोखाधाड़ी करने वाले गंगवाल एसोसिएट्स कर सलाहकार एड. राजेन्द्र गंगवाल व राहुल गंगवाल के खिलाफ प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त भोपाल को शिकायत दर्ज कराई है जिसमें मामले की विस्तृत जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर पत्र लिखा गया है।
लायंस क्लब के जाने-माने गंगवाल परिवार पर उठे सवाल
शहर में समाजसेवी संस्था लायन्स क्लब शिवपुरी सेन्ट्रल में रहकर अंचल शिवपुरी के नाम को जिले से लेकर प्रदेश और देश सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गंगवाल परिवार को जाना जाता है जिसमें पूर्व प्रांतपाल के रूप में एड. राजेन्द्र गंगवाल रह चुके और अब उनका बेटा राहुल गंगवाल भी कर सलाहकार के रूप में उनके ही साथ हाथ बंटा रहा है। इसी बीच करोड़ों रूपये के टैक्स मामले में हेराफेरी को लेर गंगवाल परिवार पर अब सवाल उठ रहे है जो शहर में ख्याति प्राप्त हो और अब वही करीब 14 लाख रूपये का टैक्स महज 1317 रूपए में जमा कर हेराफेरी करें तो इसे क्या कहिएगा, यह मामला इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है और इसे लेकर शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय तिवारी ने मामले की शिकायत प्रधान मुख्य आयुक्त भोपाल को की है ताकि मामले से पर्दा उठ सके।
करोड़ों रूपये के टैक्स जमा करने में इस तरह की हेराफेरी
अपनी शिकायत में वरिष्ठ अधिवक्ता विजय तिवारी ने बताया कि शहर में करोड़ों रूपये के आयकर विभाग से संबंधित भ्रष्टाचार के संबंध में शहर के सबसे प्रतिष्ठित व पुराने आयकर सलाहकार राजेन्द्र गंगवाल जो कि लायंस क्लब के राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त व्यक्ति रहे है, उनके द्वारा अपने क्लायंट्स के आयकर रिटर्न भरने में करोड़ों रूपये की हेराफेरी की गई है जब आयकर विभाग द्वारा संबंधित अधिकारियों को करोड़ों रूपये आयकर अदायगी के नोटिस प्रदाय किये गय तब इस करोड़ों रूपये के घोटाले का मामला सामने आया। जिसमें अधिकांश क्लायंट्स के द्वारा आयकर राशि अपने बैंक खाते से उक्त फर्म के बैंक खाते में अंतरित की गई थी, उक्त कर सलाहकार अधिवक्ता द्वारा वर्ष 2013-14 हेतु उपभोक्ता ने एवं 2014-15, दिनांक 25.10.2013 द्वारा 250000 रूपये जमा हुए है तथा वर्ष 2014-15 में दिनांक 31.03.2014 का चालान क्रं.00001 से 5 लाख रूपये तथा चालान क्रं.24827 दिनांक 31.03.2015 को 9,40,317 इस प्रकार कुल 14 लाख 40 हजार 315 रूपये जमा होने थे संबंधित राहुल गंगवाल द्वारा मात्र 1317 दिनांक 13.03.2015 को जमा कराए गए, इस प्रकार राहुल गंगवाल द्वारा जो आयकर रिटर्न भरा गया है वह वास्तविक रूप से 14 लाख से अधिक के बजाए महज 1317 रूपए ही जमा किए गए दर्शित हो रहा है।
इस प्रकार राहुल गंगवाल के द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आयकर विभाग एवं उपभोक्ता के साथ 14 लाख 39 हजार रूपये की राशि का गबन किया गया है। इसके अलावा वर्ष 2013-14 में उपभोक्ता के आयकर के रूप में 2 लाख 50 हजार के स्थान पर फार्म क्रं.26 ए.एस. में 00 अर्थात् शून्य रूपये जमा हुए। यहां आयकर जमा ना होने पर आयकर विभाग द्वारा डिमाण्ड रेफरेन्स के माध्यम से 356950 रूपये की मांग की जा रही है इसी प्रकार 2014-15 में 1652320 रूपये की मांग की गई। ऐसे में आयकर विभाग द्वारा 2011 में ऑनलाईन आयकर रिटर्न ई-फायलिंग सुविधा प्रारंभ की गई जिसमें चालान मैन्युअली करने का ऑप्शन था उक्त मैन्युअली प्रिंट करने के ऑप्शन का कर सलाहकार राहुल गंगवाल के द्वारा अपने अवैध हितलाभ हेतु दुरूपयोग किया गया।
मामले की जांच कर दर्ज होना चाहिए धोखाधड़ी का मामला
एड. विजय तिवारी ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि ऐसे में फर्म गंगवाल एसोसिएयेट्स के भागीदार पिता-पुत्र द्वारा शासकीय दस्तावेजों में हेराफेरी कर तथा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आयकर विभाग एवं अपने क्लायंट्स के साथ जो धोखाधड़ी कारित की गई है व समाज के प्रतिष्ठित वकालत पेशा के सिद्धांतों के सर्वथा प्रतिकूल है और उनके इस कृत्य से संपूर्ण अभिभाषकों के विश्वास को आघात पहुंचा है। उक्त व्यक्तियों द्वारा किये गये आपराधिक कृत्य 420,409,467,468,471 भारतीय दंड विधान के तहत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आते है। इसलिए इस मामले में पुलिस शिवपुरी को आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने हेतु निर्देश पारित किया जाना आवश्यक है।
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