शिवपुरी-कलेक्ट्रेट कार्यालय में आज उस समय जनसुनवाई में डमरू की आवाज सुनाई दी जब एक फरियादी अपनी समस्या को लेकर साधु के वेश में हाथो में डमरू बजाता हुआ आया और जनसुनवाई में बैठे अधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत कराया। दरअसल विनोद श्रीवास्तव सामाजिक न्याय विभाग में कलाकार के रूप में पदस्थ है और सामाजिक न्याय विभाग के बाबू द्वारा उसकी झूठी शिकायत सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी को की गई थी जिसके चलते पीडित कलाकार विनोद श्रीवास्तव का एक महीने का वेतन रोक दिया गया। जब संबंधित विभाग के अधिकारी ने उसकी बात नहीं सुनी तो वह मंगलवार को कलेक्ट्रेट में होने वाली जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष पहुंचा और साधु के वेश में हाथो में डमरू बजाता हुआ अपनी समस्या से जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगाई। अपने वेतन के लिए इस आरएल तरह का यह अनूठा अंदाज जनसुवाई में चर्चा का विषय बना रहा जिसमे अलग तरह से न्याय प्राप्त करने के लिए अलग अंदाज में गुहार लगाई। वहीं जब इस मामले पर कलेक्टर से बात करनी चाही तो कलेक्टर ने मीडियाकर्मियों से कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
शिवपुरी-कलेक्ट्रेट कार्यालय में आज उस समय जनसुनवाई में डमरू की आवाज सुनाई दी जब एक फरियादी अपनी समस्या को लेकर साधु के वेश में हाथो में डमरू बजाता हुआ आया और जनसुनवाई में बैठे अधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत कराया। दरअसल विनोद श्रीवास्तव सामाजिक न्याय विभाग में कलाकार के रूप में पदस्थ है और सामाजिक न्याय विभाग के बाबू द्वारा उसकी झूठी शिकायत सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी को की गई थी जिसके चलते पीडित कलाकार विनोद श्रीवास्तव का एक महीने का वेतन रोक दिया गया। जब संबंधित विभाग के अधिकारी ने उसकी बात नहीं सुनी तो वह मंगलवार को कलेक्ट्रेट में होने वाली जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष पहुंचा और साधु के वेश में हाथो में डमरू बजाता हुआ अपनी समस्या से जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगाई। अपने वेतन के लिए इस आरएल तरह का यह अनूठा अंदाज जनसुवाई में चर्चा का विषय बना रहा जिसमे अलग तरह से न्याय प्राप्त करने के लिए अलग अंदाज में गुहार लगाई। वहीं जब इस मामले पर कलेक्टर से बात करनी चाही तो कलेक्टर ने मीडियाकर्मियों से कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
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