माननीय न्यायालय ने अभियोजन कहानी को पूर्णत: संदेहास्पद बताकर सुनाया अपना फैसलाशिवपुरी-माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवपुरी जिला शिवपुरी के द्वारा आबकारी एक्ट के एक मामले में एक अभियुक्त करन सिंह रावत को बरी किया है। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव एवं अस्पाक खान के द्वारा अभियुक्तगणाों की ओर से पैरवी कर न्याय दिलाया गया।
प्रकरण इस प्रकार है कि थाना नरवर को दिनांक 29.09.2016 को जरिए मुखबिर के सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति ग्राम बीलोनी में सिंध किनारे शराब की पेटियां रखकर शराब बेच रहे है, यहां पुलि ने 25 पेटी देशी मदिरा मसाला एवं 9 पेटी देशी प्लेन शराब कुल 206 लीटर जो 50 बल्क ली. से अधिक थी को बरामद करते हुए जब्त किया था। जिस पर से नरवर पुलिस ने मुखबिर के बताए स्थान पर जाकर उक्त पेटियां जब्त की और आरोपीगण करन सिंह रावत उर्फ बल्ले रावत व बल्लू उर्फ हरप्रसाद जो मृत हो गया है, के विरूद्ध धारा 34(2)आबकारी एक्ट का मामला पंजीबद्ध किया और सभी शराब की पेटियों को जब्त कर प्रकरण की विवेचना शुरू की।
संपूर्ण विवेचना उपरांत उक्त आरोपीगण का चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत हुआ, माननीय न्यायालय में वर्ष 2016 से निर्णय दिनांक तक प्रकरण में समस्त साक्ष्यों की गवाही हुई और जब्त शुदा माल पेश किया गया। उक्त समस्त प्रकरणों के उपरांत माननीय न्यायालय ने अपने निर्णय में यह पाया कि अभियोजन कहानी पूर्णत: संदेहास्पद है और आरोपी करन सिंह को विवेचना एवं साक्ष्य विश्लेषण के आधार पर अभियोजन का मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित नहीं होता है और आरोपी करन सिंह उर्फ बल्ले रावत पुत्र सूरज सिंह रावत निवासी गधाई थाना करैरा जिला शिवपुरी को धारा 34(2) आबकारी अधिनियम से दोष मुक्त किया है। उक्त प्रकरण में अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा पैरवी की गई।
No comments:
Post a Comment