सागर । नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी सोनू अहिरवार को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-354 के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा-354-क के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा- 323(काउण्ट-02) के तहत 04 माह का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड तथा धारा-7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधि. के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया एवं आरोपीं यष कुमार अहिरवार धारा-323 के तहत 04 माह का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि सूचनाकर्ता ध् बालिका ने दिनांक 28.02.2022 को थाना सानौधा जिला सागर में रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 27.02.2022 को रात करीब 11ः30 बजे उसके माता.पिता एवं दादी घर में थे। वह पढ़ रही थी कि तभी उसे बाहर से आवाज आईण् उसने उठकर बाहर देखा तो अभियुक्त सोनू अहिरवार वहां खड़ा था। उसने अभियुक्त से पूछा कि यहां पर क्या कर रहे हो तो अभियुक्त सोनू अहिरवार ने बुरी नियत से उसका दाहिना हाथ पकड़ लिया और उसके साथ झूमा झटकी करने लगा । उसने रोका तो अभियुक्त सोनू ने उसे एक डंडा मारा जो उसे सिर में लगा।
बालिका के चिल्लाने पर उसके पापा, चाचा, दादी एवं माँ आ गये तो सोनू ने उसकी दादी को धक्का दे दिया जिससे उन्हें पैर में चोट लगी तभी अभियुक्त सोनू का भाई अभियुक्त यशकुमार आ गया जिसने बालिका एवं उसके परिवार वालों को गंदी गंदी गालियां दी एवं अभियुक्त यश ने रिपोर्ट करने पर जान मारने की धमकी भी दी। अभियुक्त यश को गाली देने से मना करने पर वह बालिका के पिता से लिपट गया तो बालिका के पिता गिर गये जिससे उन्हें दांतों में एवं दाहिने हाथ की कुहनी में चोट लगी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये,
घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-सानौधा द्वारा धारा-294,323, 354-क, 506,34 भा.दं.सं. एवं धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
गांजे का अवैध रूप से परिवहन व कब्जे में रखने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये अर्थदण्ड
सागर । गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी षिवाकांत जाट को न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा- 20(इ)(पप)(ब्) के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्री संजय कुमार पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना जीआरपी सागर में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक राधा मोहन को दिनांक 30.01.2022 को समय लगभग 14ः54 बजे मुखबिर सूचना प्राप्त हुआ कि प्लेटफार्म नंबर 2 के ताज इंटरप्राइजेज रेल आहार स्टाॅल के पास फुट ओव्हर ब्रिज के नीचे रेल्वे स्टेषन सागर में एक व्यक्ति जो देखने में हट्टा-कट्टा गोरे रंग का उम्र करीब 24-25 साल पीले रंग की छिपकेदार चादर में बोरे में मादक पदार्थ गांजा रखे है और किसी के इंतजार में है। उक्त सूचना को थाना प्रभारी को अवगत कराकर आरक्षक रघुराजसिंह को दो स्वतंत्र साक्षियों को तलब किए जाने हेतु रवाना किया। आरक्षक स्वतंत्र साक्षियों सहित थाना वापस आया, साक्षियों की मुखबिर सूचना से अवगत कराया गया। उसके पष्चात पुलिस अधीक्षक रेल जबलपुर को मुखबिर सूचना का प्रतिवेदन मय मुखबिर पंचनामा सहित आरक्षक पंकज रजक को थाना से रवाना किया गया।
जप्तीकर्ता अधिकारी ने मामले की गंभीरता देखते हुए सर्च वारण्ट प्राप्त न कर सकने का पंचनामा साक्षियों के समक्ष बनाया एवं थाना से रवानगी सान्हा में दर्ज कर हमराह फोर्स सहायक उपनिरीक्षक मूलचंद्र, प्रधान आरक्षक कैलाष रघुवंषी, आरक्षक रघुराज सिंह, आरक्षक शोएब अब्बासी, नवाबसिंह पटवा, आरक्षक श्यामलाल कुषवाहा मय कम्प्यूटर आपरेटर आरक्षक ओमप्रकाष बघेल एवं स्वतंत्र साक्षीगण राजेंद्र एवं संतोष सहित मय विवेचना किट, लेपटॅाप, प्रिंटर, विवेचना बाॅक्स, इलेक्टाॅनिक तराजू मय तोल करने वाले विनीत खटीक को साथ लेकर मौके के लिए रवाना हुए। मुखबिर द्वारा बताये स्थान पर पहंुचने पर वह व्यक्ति पुलिस को देखकर जाने लगा, घेराबंदी कर पकड़ा उससे उसका नाम पता पूंछा जिसने अपना नाम षिवाकांत जाट जबलपुर का रहना बताया।
संदेही की तलाषी ली गई, तलाषी की आवष्यक कार्यवाही उपरांत संदेही के पास से 28 नग पैकेट प्राप्त हुये जिनको खोलकर देखने पर उसमें गीला गांजा पदार्थ रखा होना पाया गया आरोपी के पास से 28 किलोग्राम मादक पदार्थ गांजा जप्त किया गया। मौके पर तौल कार्यवाही, अन्य विधिक कार्यवाही के उपरांत गीले गांजे को शीलबंद कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया, थाना वापस आकर जप्तषुदा मादक पदार्थ को मालखाना में जमाकर आरोपी के विरूद्ध थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई, मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेष किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहाॅ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।
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