सागर । नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी राजा अहिरवार को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-354 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-354(घ) के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, एवं धारा-7/8 पॉक्सो एक्ट के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/बालिका ने दिनांक 02.09.2022 को थाना-केन्टोन्मेंट मंे रिपोर्ट लेख कराई कि अभियुक्त राजा अहिरवार पिछले तीन साल से उसका पीछा कर रहा है वह जहॉ जाती है उसके पीछे-पीछे आ जाता है और उससे जबरजस्ती बात करने की कोषिष करता है। बालिका ने कई बार उसे समझाया लेकिन वह नहीं माना। दिनॉक- 01.09.2022 के सुबह 10ः30 बजे जब वह स्कूल जा रही थी तो अभियुक्त राजा अहिरवार उसका पीछा करते हुये आया और बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया और कहने लगा कि वह उससे बात क्यों नहीं करती है बालिका ने अपना हाथ छुड़ाया तो कहने लगा अगर किसी को कुछ बताया तो उसे जान से खत्म कर देगा। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये,
घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-केन्टोन्मेंट द्वारा धारा-354(क), 354(घ), 506 भा.दं.सं. एवं धारा-7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
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