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Friday, April 7, 2023

जीवन की सही अर्थ बताते हैं वेद : दीदी अंजली आर्या



वैदिक राष्ट्रकथा में बताया वेदों का ज्ञान

शिवपुरी- कभी भी धर्म से विमुख मत होगा और जब भी धर्म करोगे उसे आचरण में उतारोगे तो जीवन कभी व्यर्थ नहीं जाएगा बल्कि सुधर जाएगा, इसीलिए महर्षि दयानंद के अनुसार वेदों के ज्ञान ने मनुष्य को जीवन का सही अर्थ बताया है, वेदों के ज्ञान को जिसने धारण कर लिया वह कभी दु:खी नहीं रह सकता बल्कि वह दूसरों का कल्याण करने वाला हो जाताए है, वैदिक राष्ट्रकथा बताती है कि इस संसार में दो ही जीव है एक परमात्मा(ईश्वर)और जीवत्मा(मनुष्य) इसलिए यह दोनों ही एक-दूसरे के लिए है, ईश्वर कल्याण के मार्ग पर ले जाना चाहते है वह कभी जीवत्मा का बुरा नहीं चाहते, महर्षि दयानंद के अनुसार सत्यार्थ प्रकाश में भी बताया है कि ईश्वर क्या चाहते है, वह मनुष्य के लिए उसके पथ प्रदर्शक बनकर आगे बढ़ाने का कार्य करते है, वेदों का यह ज्ञान ही मनुष्य के लिए धारण करना चाहिए जिससे वह अच्छे और बुरे का फर्क समझे और अपने द्वारा किए जाने वाले कार्य का महत्व समझ सके।

वेदों के इस ज्ञान को बताया प्रसिद्ध वेदकथा वाचक दीदी अंजली आर्या ने जो स्थानीय आर्य समाज मंदिर में आयोजित वैदिक राष्ट्रकथा पर अपने आर्शीवचन प्रदान कर रही थी। इस दौरान अतिथि यज्ञ के यजमान श्रीमती आरती-इन्द्रजीत चावला परिवार के द्वारा सर्वप्रथम हवन यज्ञ किया गया तत्पश्चात दीदी अंजली आर्या ने अपने ओजस्वी आर्शीवचनों में मनुष्य को वेदों के अनुसार जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त किया। इस दौरान मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा भोपाल के पूर्व प्रधान इन्द्रप्रकाश गांधी के आशीर्वाद एवं गरिमामय उपस्थिति में तथा आर्य समाज शिवपुरी के यशस्वी प्रधान समीर गांधी के मार्गदर्शन में और आर्य समाज के समस्त पदाधिकारियों एवं सदस्यों के सक्रिय सहयोग से अतिथि यज्ञ का यह सौभाग्य श्रीमती आरती-इन्द्रजीत चावला परिवार के द्वारा ग्रहण किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आर्यजन मौजूद रहे जिन्होंने वेदकथा का श्रवण किया।

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