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Thursday, April 6, 2023

विधानसभा चुनाव : भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस पार्टी दिख रही मजबूत स्थिति में


विधायक यशोधरा राजे सिंधिया और प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पाने से बने टकराव के हालात

भाजपा के सिस्टम से बाहर होते हुए पांच विधानसभा खतरे की श्रेणी में

शिवपुरी-आगामी विधानसभा चुनाव अब निकट ही है ऐसे में शिवुपरी जिले की पांचों विधानसभाओं में हालात भजापा के विपरीत नजर आ रहे है। यहां भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस पार्टी कहीं अधिक मजबूत तौर पर देखी जा रही है। इसका कारण जहां कांग्रेस पार्टी के नवागत जिलाध्यक्ष का मनोयन होना है तो दूसरी ओर भाजपा के लिए अपनों से ही सामांजस्य ना बिठा पाने के कारण यह हालात निर्मित किए गए है जिससे भाजपा पार्टी के प्रमु नेता-मंत्री के आपसी टकराव से पार्टी बिखराब के मोड़ पर नजर आ रही है। बात चाहे भाजपा जिलाध्यक्ष राजू बाथम की हो या फिर प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के बीच मुखर विरोध का, इसके अलावा पोहरी क्षेत्र में सरेआम मंत्री सुरेश रांठखेड़ा के परिजन ही जनता पर रौब दिखा रहे है, कोलारस क्षेत्र में भाजपा विधायक के सामने ही पार्टी के कई नेता कांग्रेस पार्टी को ज्वाईन करने का मन बनाकर चुनावी बिगुल फूंकने की तैयारी में है, ऐसे में यहां भी कांग्रेस पार्टी को मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है, करैरा में भी अहं की लड़ाई चल रही है, पिछोर पर भाजपा का मुख्य फोकस है लेकिन इस क्षेत्र में भी पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक केपी सिंह के सामने भाजपा कोई चुनौती ही नजर नहीं आती।

असफल साबित हुए प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया
मप्र की भाजपा सरकार में पंचायत मंत्री और शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया पूर्ण रूप से असफल मंत्री के तौर पर जनचर्चाओं में है। इसका एक मुख्य कारण यह है कि प्रभारी मंत्री ने केवल कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित बैठकों में ही दंभ भरने का प्रयास किया जबकि हकीकत से वह कोसों दूर नजर आए। स्थानीय कार्यकर्ताओं को भी तवज्जो ना देना और उनसे जुड़ाव ना होना भी प्रभारी मंत्री सिसौदिया के लिए ठीक नहीं है जिसकी शिकायतें प्रदेश तक और पार्टी संगठन तक भी पहुंची है। 

कई ऐसे जनता से जुड़े हुए काम और राजस्व आय के मामले है जिसमें सीधे दखल करने का प्रयास प्रभारी मंत्री ने किया और आज यही हालात है कि वह इस शिवपुरी जिले में स्थापित ही नहीं हो सके। इन हालातों को देखें तो शिवपुरी विधानसभा पर इसका खासा असर पड़ सकता है और वर्तमान विधायक के लिए यहां प्रभारी मंत्री के द्वारा कई चुनौतियां सामने लाकर खड़ी कर दी है और इसका भुगतान निश्चित ही आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। 

प्रभारी मंत्री की इन्हीं सब मनमानियों का परिणाम है कि वह अपने ही विधानसभा क्षेत्र में भी लोगों से दूरी बनाए हुए है, सोशल मीडिया पर बमौरी विधानसभा क्षेत्र के लोग ही अपने विधायक की कार्यप्रणाली पर उंगललियां उठाते हुए नजर आते है और तो और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह तो प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया को खुली चुनौती दे चुके है यदि उनमें सामथ्र्य है तो वह उनसे चुनावी मुकाबला करें।

प्रभारी मंत्री ने बनाई स्थानीय विधायक से दूरियां!
देखा जाए तो प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया यूं तो संपूर्ण शिवपुरी जिले के प्रभारी है लेकिन कभी भी प्रभारी मंत्री ने स्थानीय शिवपुरी विधायक व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को साथ लेकर नहीं चले और स्थानीय विधायक से हमेशा दूरियां ही नजर आई। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र को लेकर उन्होंने कभी भी स्थानीय विधायक से कोई चर्चा नहीं की और तो और कलेक्ट्रेट परिसर में जन कल्याणकारी योजनाओं को लेकर होने वाली बैठकों तक में स्थानीय विधायक को वह शामिल नहीं करा सके। इसे लेकर तमाम तरह की जनचर्चाऐं लोगों के बीच हो रही है जिसमें प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया का स्थानीय विधायक से सामंजस्य ना बैठने को लेकर उनके अहम की बातें कहीं जा रही है। एक ओर जहां स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया हर विपदा में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ नजर आई तो दूसरी ओर विपदा के दौर में भी प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया को शिवपुरी छोड़ अन्य क्षेत्र नजर आए। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि को लेकर भी उन्हेांने कृषकों के बीच पहुंचकर ढांढस तक नहीं बंधाया और वह पूर्ण रूप से अन्य क्षेत्रों में स्वयं को सक्रिय करते नजर आए।

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