पोहरी विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण-धाकड़ के रूप में सुरेश-प्रहलाद के बीच भाजपा से दिलीप मुदगल का नाम सर्वे मेंशिवपुरी- इन दिनों अनेकों नेता फेसबुक पर अपनी मन-मंशा मुताबिक सर्वे रिपोर्ट जारी कर विधायक का टिकिट बनने की चाह रख रहे है लेकिन बता दें कि इस तरह के सर्वे रिपोर्ट के नतीजों से नहीं बल्कि जनसेवा से जनप्रतिनिधि चुने जाते है। फिलवक्त सोशल मीडिया पर एक सर्वे रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पोहरी विधानसभा क्षेत्र से सुरेश रांठखेड़ा, पूर्व विधायक राज्यमंत्री प्रहलाद भारती का नाम टिकिट की सूची में बताया जाता है लेकिन दूसरी ओर जनचर्चाओं पर गौर करें तो यहां ब्राह्मण-धाकड़ के बीच ही किसी प्रत्याशी को टिकिट मिल सकता है इसमें जनसेवा के रूप में आधा दर्जन भण्डारे कर जनसेवा की ओर कदम बढ़ा रहे भाजपा जिला उपाध्यक्ष दिलीप मुदगल का नाम भी सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है। हालांकि भाजपा पार्टी में संगठन को तवज्जो दी जाती है और इसमें पोहरी विधायक प्रहलाद भारती और दिलीप मुदगल का प्रमुखता से नाम शामिल है जबकि मंत्री सुरेश रांठखेड़ा तो अभी-अभी भाजपा पार्टी में शामिल हुए है। कांग्रेस में भी टिकिट चाहने वालों की बात करें तो यहां एक बार फिर से चर्चाओं में प्रधुम्र वर्मा है तो दूसरी ओर बसपा छोड़कर हजारों लोगों की भीड़ एकत्रित कर कांग्रेस पार्टी का दामन थामने वाले कैलाश कुशवाह का नाम भी सुर्खियों में है। कैलाश कुशवाह घर-घर और ग्राम-ग्राम जाकर लोगों के सुख-दु:ख में शामिल हो रहे है तो अनेकों जगह जन सामान्य से चर्चा करते हुए उनके हितों की बातें भी कर रहे है। ऐसे में पोहरी विधानसभा क्षेत्र में जो कहावत चरितार्थ होती है कि भाजपा से धाकड़ यानि मंत्री सुरेश रांठखेड़ा और प्रहलाद भारती जबकि ब्राह्मण के रूप में केवल एक ही नाम दिलीप मुदगल चल रहा है तो वहीं कांग्रेस में धाकड़ समाज से प्रधुम्र वर्मा का नाम भी चर्चाओं में और दूसरी ओर कैलाश कुशवाह को सहानुभूति की लहर के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि वह दो बार से विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर आने वाले पहले ऐसे बसपा प्रत्याशी है जो अब कांग्रेस में टिकिट के दावेदारों में प्रमुखता से शामिल है।
मंत्री का दर्जा बन सकता है टिकिट में रोड़ा
देखा जाए तो पोहरी विधानसभा क्षेत्र में टिकिट का यदि रोड़ा बन सकता है तो इसमें प्रहलाद भारती जो कि राज्यमंत्री का दर्जा हासिल किए है और दूसरी ओर सुरेश रांठखेड़ा जो कि वर्तमान विधायक होकर मप्र सरकार में लोक निर्माण विभाग मंत्री है। ऐसे में चर्चाओं पर गौर करें तो मंत्री का यह दर्जा ही टिकिट का रोड़ा बन सकता है वहीं दूसरी ओर भाजपा पार्टी से प्रमुखता में ब्राह्मण उम्मीदवार के रूप में भाजपा जिला उपाध्यक्ष दिलीप मुदगल ही एक मात्र ऐसा नाम है जो पूरे विधानसभा क्षेत्र पोहरी में चर्चाओं में है। इसका एक कारण यह भी है कि प्रहलाद भारती और सुरेश रांठखेड़ा दो-दो बार पोहरी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके है वहीं संघ से जुड़ाव की बात कहें या फिर समाजसेवा और पोहरी क्षेत्र के मतदाताओं के बीच घर-घर जनसंपर्क और सतत संपर्क तो इसके लिए दिलीप मुदगल भी लंबे समय से क्षेत्रवासियों के बीच जुड़े हुए और उनका यह सरल, सहज व्यवहार भी लोगों में अनायस ही उन्हें पोहरी क्षेत्र में एक जनप्रतिनिधि के तौर पर देखना चाहता है इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
भण्डारे वाले नेताजी की पहचान बने दिलीप मुदगल
चूंकि बात जनप्रतिनिधि के रूप में चुनावों को लेकर हो रही है तो इसमें यह हमेशा याद आता है कि शिवपुरी विधानसभा चुनाव में वर्ष 2007 में जो उप चुनाव हुआ था उसमें पानी के टैंकरों से शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में घर-घर पानी पिलाने के रूप में पानी वाले नेताजी के रूप में वीरेन्द्र रघुवंशी का नाम चर्चाओं में था और वह इस उप चुनाव में तत्कालीन के प्रतिद्वंदी प्रत्याशी गणेश गौतम से विजयी भी हुए थे, अब एक बार फिर से वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव होने है और पोहरी विधानसभा में अब तक आधा दर्जन भण्डारे करा चुके भाजपा जिला उपाध्यक्ष दिलीप मुदगल भी एक नाम है जो भण्डारे वाले नेताजी के रूप में चर्चाओं में है। वही पोहरी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग धार्मिक स्थलों व खुले मैदान पर हजारों लोगों के लिए बड़े-बड़े भण्डारे का आयोजन कर चुके है। ऐसे में लोगों के बीच भण्डारे वाले नेताजी के रूप में दिलीप मुदगल को भी लोग कहीं ना कहीं पानी वाले नेताजी की तरह देख रहेहै इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता।
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