समाज के आराध्य भगवान सहस्त्रबाहु के बारे में बोले गए अपमानजनक शब्दों को लेकर जताई नाराजगी, कार्यवाही की मांगशिवपुरी-कलचुरी कलार शिवहरे राय चौकसे जयसवाल समाज के आराध्य एवं कुल प्रवर्तक भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन जी के बारे में बोले गए अपमानजनक शब्द कि भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन जी बड़े ही दुष्ट साधुओं का वध करने वाले आतताई थे एवं महिलाओं के साथ बलात करने वाले थे तथा उन्होंने सहस्रबाहु अर्जुन जी कि 21 पीढयि़ों का वध किया, गलत है, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को पूरी जानकारी नहीं है, उनके इस वक्तव्य पर समाज बंधुओं ने अपने वक्तव्य वापस लेने के लिए अथवा समाज से माफी मांगने को कहा है अन्यथा वापस लेने अथवा आईटी एक्ट की धाराएं के तहत प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।
शास्त्रों को उनके शास्त्री होने पर भी सभी समाज बंधुओं ने आपत्ति उठाई जिस व्यक्ति को शास्त्र का ज्ञान नहीं है, वह कैसे शास्त्री हो सकता है, सहस्त्रबाहु अर्जुन परम प्रतापी महा ज्ञानी और एवं महादानी चक्रवर्ती सम्राट थे, वह विष्णु भगवान के सुदर्शन चक्र के अवतारी थे, उन्होंने अपने परिवार के साथ 1000 यज्ञ कर आए थे, उनके द्वारा संपूर्ण विश्व में 800 वर्ष तक राज्य किया गया था, जिसका उल्लेख शिव पुराण मत्स्य पुराण एवं महाभारत में भी है किसी जाति धर्म के विरुद्ध टिप्पणी करने से पहले उस जाति के इतिहास का अध्ययन कर लेना चाहिए। आज भारतवर्ष में 15 करोड़ क्षत्रिय कलचुरी कलार समाज के लोग है और वह उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं।
कलचुरी कलार समाज के जिलाध्यक्ष कृष्ण स्वरूप शिवहरे, महामंत्री वीरेंद्र शिवहरे(पूर्व पार्षद), कोषाध्यक्ष रमेश शिवहरे, उपाध्यक्ष डॉ.एमके शिवहरे, राकेश चौकसे, मुरारीलाल शिवहरे, कोषाध्यक्ष के.के. शिवहरे, संरक्षक रामदयाल शिवहरे, संगठन मंत्री सुरेश महाजन, दिनेश राय, रविकांत टम्मू चौकसे, हरि शिवहरे, गजेंद्र शिवहरे, विवेक शिवहरे, बंटी भैया, भगतराम शिवहरे, अनिल चौकसे, एडवोकेट राजेंद्र चौकसे, अशोक शिवहरे, दर्शन शिवहरे, विजय शिवहरे, दयानंद शिवहरे, वीरू शिवहरे, जीतेंद्र शिवहरे, रुपेश चौकसे, घनश्याम शिवहरे तथा अन्य समाज बंधु उपस्थित थे। कलचुरी कलार महिला जिला अध्यक्ष प्रियंका चोकसे, संरक्षक शकुन शिवहरे, संरक्षक सुंदरा शिवहरे, उपाध्यक्ष भावना शिवहरे, संगठन मंत्री डॉ.हिमांशी चौकसे, शीला शिवहरे, रेखा शिवहरे आदि मौजूद रहे।
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