शिवपुरी-शहर के एबी रोड़ स्थित ऊॅं नम: शिवाय मिशन मंदिर पर चल रही भागवत कथा का चतुर्थी दिन भागवत कथा में कृष्णजन्मोत्सव का वर्णन किया गया। श्रीकृष्ण की कथा का वर्णन करते हुए महाराज ने बताया कि कंस की कारागार में बासुदेव देवकी भादों मास की अष्टमी को रोहणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, उनका लालन पालन नन्द बाबा के घर हुआ, इसलिए नन्द गाँव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पंडित आचार्य श्री राकेश शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्म का कथा सुन भाव श्रद्धालु भाव विभोर हुए और पूरा पंडाल जयकारों से गूँज उठा। कथा वाचक पं.शास्त्री ने कहा जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं, जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, इस दौरान श्रद्धांलुओं ने श्रीकृष्ण के जन्म पर झूमते हुए खुशियाँ मनाई। कथा वाचक पंडित राकेश शास्त्री ने श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा है कि भगवान श्री कृष्ण नित्य ही माखन चोरी लीला करते हैं, बासुदेव की सुन्दर झाकियां निकाली गई, सुंदर झांकियों के पश्चात भगवान श्रीकृष्ण जी की महा आरती राजावत परिवार सिंह हॉस्टल की से और श्रद्धालुओं द्वारा की गई इसके बाद सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
शिवपुरी-शहर के एबी रोड़ स्थित ऊॅं नम: शिवाय मिशन मंदिर पर चल रही भागवत कथा का चतुर्थी दिन भागवत कथा में कृष्णजन्मोत्सव का वर्णन किया गया। श्रीकृष्ण की कथा का वर्णन करते हुए महाराज ने बताया कि कंस की कारागार में बासुदेव देवकी भादों मास की अष्टमी को रोहणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, उनका लालन पालन नन्द बाबा के घर हुआ, इसलिए नन्द गाँव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पंडित आचार्य श्री राकेश शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्म का कथा सुन भाव श्रद्धालु भाव विभोर हुए और पूरा पंडाल जयकारों से गूँज उठा। कथा वाचक पं.शास्त्री ने कहा जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं, जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, इस दौरान श्रद्धांलुओं ने श्रीकृष्ण के जन्म पर झूमते हुए खुशियाँ मनाई। कथा वाचक पंडित राकेश शास्त्री ने श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा है कि भगवान श्री कृष्ण नित्य ही माखन चोरी लीला करते हैं, बासुदेव की सुन्दर झाकियां निकाली गई, सुंदर झांकियों के पश्चात भगवान श्रीकृष्ण जी की महा आरती राजावत परिवार सिंह हॉस्टल की से और श्रद्धालुओं द्वारा की गई इसके बाद सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
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