विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर डोंगर गांव के आधा सैकड़ा ग्रामीणों को अपने आसपास पानी इकठ्ठा नही होने एवम मलेरिया से बचने के बारे में जागरूक किया
शिवपुरी। 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से होती है । बरसात या वातावरण में नमी के कारण मलेरिया के मच्छर पनपने लगते हैं और बीमारी का प्रसार होता है। मलेरिया की गंभीर स्थिति बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती है। ये कहना था शक्ती शाली महिला संगठन के कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल का जो की डोंगर गांवों में आधा सैकड़ा ग्रामीण महिलाओ के लिए मलेरिया से बचाब जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे प्रोग्राम में श्रृद्धा जादौन ने बताया की मलेरिया के कुछ सामान्य लक्षण हैं, जैसे- बुखार, सिर दर्द, उल्टी आना, ठंड लगना, थकान होना, चक्कर आना और पेट में दर्द होना। आमतौर पर मलेरिया के इलाज में करीब दो सप्ताह तक दवाइयाँ लेनी होती हैं।
वहीं बीमारी को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। उर्मिला सिंघल एएनएम ने कहा की हर साल भारत में मलेरिया के हजारों मामले सामने आते हैं और कई रोगियों की तो मलेरिया से जान चली जाती है । मलेरिया की गंभीरता और इसे बचने के लिए जागरूक करने के विश्व स्तर पर मलेरिया दिवस मनाया जाता है। पिंकी चौहान ने कहा की
दुनिया भर में विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 2007 से की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2007 में मलेरिया दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने का फैसला किया था । पहली बार अफ्रीकी देशों में मलेरिया दिवस मनाया गया। उस समय अफ्रीकी देशों में होने वाली मौतों की एक वजह मलेरिया था और इन मौतों के आंकड़ों को कम करने के उद्देश्य से विश्व मलेरिया दिवस मनाये जाने की शुरुआत हुई ।
सामाजिक कार्यकर्ता विनोद गिरी ने कहा की मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य अफ्रीकी स्तर पर मलेरिया दिवस के आयोजन के मद्देनजर वर्ष 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बैठक में इस दिन को मनाने की घोषणा की, ताकि लोगों का ध्यान इस खतरनाक बीमारी के ओर जाए और हर साल मलेरिया के कारण होने वाली लाखों मौतों को रोका जा सके। साथ ही लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक किया जा सके। आगनवाड़ी कार्यकर्ता जानकी जाटव ने कहा की प्रतिवर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन मलेरिया दिवस की एक खास थीम पर ही कार्यक्रम करता है। इस वर्ष मलेरिया दिवस 2023 की थीम रेड्डी टू कॉम्बेट मलेरिया है, यानी मलेरिया से लड़ने के लिए तैयार रहें। इस थीम का उद्देश्य लोगों को मलेरिया से निपटने के लिए तैयार होने के लिए जागरूक करना है ।
प्रोग्राम में टीम के द्वारा दस घरों में प्लास्टिक बर्तन, डिब्बों में एवम टायर में पानी भरा था उसको खाली कराया एवम पानी के लार्वा को नष्ट कराया एवम आगे से ऐसा पानी इकट्ठा नहीं करने के बारे में समझाइश देकर उनको जागरूक किया।
प्रोग्राम में रवि गोयल द्वारा मलेरिया के बचाब पर बनी जागरूकता फिल्म का प्रर्दशन लैपटॉप पर किया जिसको देखकर आदिवासी परीवारो ने अपने घरों पर एकत्रित डिब्बों कट्टिओ एवम टायर में भरे पानी जिनमें लार्वा बनने लगा था उनको नष्ट किया। प्रोग्राम में शक्ती शाली महिला संगठन की टीम से श्रृद्धा जादौन,विनीता रावत आशा सहयोगनी , सोनम श्रीवास्तव एएनएम, उर्मिला सिंघल एएनएम , जानकी जाटव कार्यकर्त्ता एवम पूजा जाटव आशा कार्यकर्ता के साथ साथ आधा सैकड़ा ग्रामीण आदिवासी महिलाओं ने भाग लिया।
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