राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस पर गर्भवती माताओं को जागरुक कियाशिवपुरी। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस पर शक्ती शाली महिला संगठन द्वारा ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन के साथ एवम स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर ग्राम मामोनी खुर्द में आधा सैकड़ा महिलाओ को प्रेगनेंसी के दौरान किन चीजों का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके बारे में रवि गोयल एवम आशा कार्यकर्त्ता सरोज कुशवाहा ने जागरूक किया। हर साल राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के लिए एक विशेष थीम का चुनाव करता है। उस थीम का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर चल रहे चिंता के विषय में लोगों को जागरूक करना है, पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। इस साल की थीम माओं के लिए दाईमा है।
इन अभियानों का अहम लक्ष्य है कि प्रत्येक महिला को जीने का अधिकार हो और वे गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जीवित रह सकें। साथ ही, ये अभियान बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता भी बढ़ाता है क्योंकि बाल विवाह मातृ मृत्यु का एक ब?ा कारण है। वास्तव में, भारत सरकार मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि, यह हमारा कर्तव्य है कि हम महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा के लिए स्वयं कदम उठाएं और उन्हें शिक्षित करें।
सरोज ने कहा की राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस पर हुई बातचीत में महिलाओं के स्वास्थ संबंधी, प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली समस्याओं, बांझपन से संबंधित कई खास बातें हुईं। आजकल की कामकाजी महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी विषय में सुपोषण सखी नर्मदा कहती हैं कि, सबसे जरुरी है काम और घर के बीच संतुलन बनाना। इसमें कोई शक नहीं है कि महिलाओं के जीवन में जिम्मेदारियां अधिक हैं। ऐसे में खुद का ध्यान रखना थोड़ा मुश्किल जरूर है। परिवार और ऑफिस का सपोर्ट भी महिलाओं के लिए आवश्यक है। आज के समय में ऑफिस की नाईट शिफ्ट, देर तक सिर्फ काम, देर से शादी और देर से फैमिली प्लानिंग महिलाओं के लिए चुनौती बनता जा रहा है।
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