शिवपुरी-जिले के बैराढ़ क्षेत्र में संत रामपालजी महाराज का सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें संत जी ने बताया कि गीता अध्याय 16 के श्लोक 23 में कहा कि शास्त्र विधि को त्यागकर मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नही होता, न, मोक्ष की प्राप्ति होती, गीता अध्याय 4 के श्लोक 34 में कहा है की अर्जुन तत्वदर्शी संत की खोज कर, उनकी कपट छोड़कर सेवा करने और विनम्रता पूर्वक प्रश्न करने से बो तत्व ज्ञान का उपदेश करेंगे तब मोक्ष मार्ग प्राप्त होगा।
संत जी का सत्संग सुनने के लिए मध्यप्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री सुरेश राठखेड़ा एवं विधयाक प्रतिनिधि एवं रावत समाज के अध्यक्ष यशपाल रावत, आईएमसी के अध्यक्ष भपेंद्र रावत, जनपद उपाध्यक्ष शिवपुरी परमजीत रावत एवं डालू रावत सिंह निवास आदि सभी ने सत्संग श्रवण किया और संत जी के सत्संग से प्रभावित हुये और आगे होने वाले सत्संग समारोह में भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया। संत जी ने बताया कि हम अपना मनुष्य जीवन को सांसारिक क्रियाओं में ही बर्बाद करके चले जाते है, परमात्मा की तरफ एवं मोक्ष मार्ग की तरफ ध्यान ही नही देते, जिससे मनुष्य जीवन नष्ट हो जाता है जो कि चौराशी लाख योनियों में भटकने के बाद एक बार मिलता है। संत जी ने बताया कि मनुष्य जीवन को सफल करने एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर सतभगति करनी चाहिये।
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